भाजपा सरकार में विपक्ष के कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमें में भेजा जा रहा जेल- आशुतोष सिन्हा

उत्तर प्रदेश वाराणसी

सपा एमएलसी ने सदन में कहा

वाराणसी। विधानसभा चुनाव-2022 के पश्चात ईवीएम में हेरफेर व धांधली का आरोप लगाकर सरकार व प्रशासन के ख़िलाफ़ धरना-प्रदर्शन करने वाले सपा कार्यकर्ताओं को जेल भेजे जाने वाले प्रकरण पर एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने विधान परिषद की कार्यवाही रोककर सदन में चर्चा कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार आई है, तबसे लगातार समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को चिन्हित करके उन्हें किसी न किसी झूठे मुकदमें में एफआईआर पंजीकृत करके उनका उत्पीड़न करके लोकतंत्र की आवाज़ को दबाया जा रहा है। जो भी भाजपा सरकार की कमियों को उजागर करने का प्रयास करता है, उसकी आवाज़ तत्काल दबा दी जाती है, जिसका ज्वलन्त उदाहरण वाराणसी में सिम्बल लोडिंग ईवीएम मशीनों एवं चिप की बरामदगी है। उन्होंने बताया कि 7 मार्च, 2022 को विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद 8 मार्च को शाम 6 बजे पहड़िया मंडी स्थित मतगणना स्थल से तीन गाड़ियां गुज़र रही थी, जिसके सम्बन्ध में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जानकारी मांगने पर उसमें फल लदे होने की बात कही गई, जबकि आशंका होने पर सपा कार्यकर्ताओं द्वारा एक गाड़ी को चेक किया गया तो उसमें से ईवीएम मशीन बरामद हुई, जिसे देखकर सभी कार्यकर्ता वहीं सड़कों पर बैठ कर धरना देने लगे। यह ख़बर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही अन्य जगहों पर भी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर धरना-प्रदर्शन करने लगे। इसी कारण सत्ता के इशारे पर प्रशासन द्वारा 8 मार्च को लालपुर थाने में एवं 11 मार्च को जैतपुरा थाने में सपा कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ दो एफआईआर दर्ज़ कराई गई। इसके बाद जब सपा कार्यकर्ता न्यायालय से अंतरिम जमानत पर छूट गए तो पुलिस द्वारा गम्भीर धाराएँ लगाकर उन्हें पुनः जेल भेज दिया गया।

आशुतोष सिन्हा ने कहा कि चुनाव या निर्वाचन लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके द्वारा जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है परन्तु भाजपा द्वारा खेले गये इस घिनौने खेल से अब जनता में भी निष्पक्ष चुनाव के प्रति एक हीन भावना उत्पन्न हो गई है।उन्होंने बताया कि उक्त प्रकरण में चुनाव आयोग द्वारा एडीएम को सस्पेंड किया गया था, जिससे ये प्रतीत होता है कि इस चुनाव में व्यापक अनियमितताएँ हुई हैं, जिससे सरकार के प्रति नागरिकों में भारी रोष व्याप्त है।इस प्रकरण की चर्चा की मांग सदन में किए जाने पर सपा कार्यकर्ताओं में हर्ष की लहर है एवं लोगों के द्वारा उन्हें बधाईयां भी प्रेषित की जा रही है।

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