भदोही पुलिस का उदण्ड सिपाही करवा रहा कप्तान की जगहंसाई !

उत्तर प्रदेश स्थानीय समाचार

औराई थाने के सिपाही निखिल कुमार से जाम की शिकायत पर पत्रकार से की अभद्रता

थानाप्रभारी सिपाही को तमीज सिखाने की बजाय पत्रकार को ही अर्दब में लेने लगें

बिपिन मिश्रा

भदोही। साहब ! जाम लगा है, देख लिजिए… तुम हों कौन ? क्या नेता हो ? ये पढ़ने के बाद आपको लग रहा होगा दो लोगो के बीच अमर्यादित बातचीत की शुरूआत हैं, जी हां ऐसा ही है, कहानी है एक पत्रकार और सिपाही के बातचीत की, दरअसल जनपद भदोही के औराई थाने के अंतर्गत मिर्जापुर रोड पर माधोसिंह रेल्वे फाटक पर आरसीसी रोड निर्माण का कार्य चल रहा है, जिससे मुख्य सड़क पूरी तरह से बंद हैं, वाहनों का आवागमन बाई पास चिनीमिल रोड, तहसील रोड से हो रहा है, वाहनों की अधिकता सेरोड अत्यधिक जाम ही रहता है, इसलिए यातायात प्रभावित न हो, लोग परेशान न हों इसलिए कुछ पुलिस सिपाही लगातार ड्यूटी भी दे रहे हैं, लेकिन दिनांक 26/05/2022 दिन बृहस्पतिवार को दिन के करीब 11 बजे चिनीमिल गेट पर भयंकर जाम लग गया, मैं उसी रोड से जा रहा था, गाड़ी एक तरफ खड़ी की ड्यूटी पर तैनात सिपाही निखिल कुमार के पास गया, निखिल कुमार कान में इयर फोन लगाकर किसी से बात कर रहे थे, पास जाकर बोला
बिपिन मिश्र: साहब ! बहुत जाम लग गया है, थोड़ा देख लिजिए…
निखिल कुमार: तपाक से बोल उठे तू है कौन ? क्या नेता हैं, मेरा कप्तान हैं, तुम ड्यूटी सिखाओगे ? मुझे क्या करना है तुम बताओगे ?
बिपिन मिश्र: मैं आम आदमी हूं, निखिल कुमार: जाओ नही तो सुधार देंगे,
बिपिन मिश्र: ऐसे कैसे बात कर रहे हैं आप,
निखिल कुमार: जाते हो की बताऊं
तत्पश्चात औराई थाना प्रभारी को प्राइवेट नम्बर पर फोन किया,
बिपिन मिश्र: हेलो ! सर
थाना प्रभारी: कौन ?
बिपिन मिश्र: सर बिपिन मिश्र बात कर रहा हूं,
थाना प्रभारी: रॉन्ग नंबर
बिपिन मिश्र: सॉरी सर
फिर थाना प्रभारी के सरकारी नम्बर पर फोन किया,
बिपिन मिश्र : हेलो सर ! बिपिन मिश्र बोल रहा हूं,
थाना प्रभारी : हा बोलिए क्या बात हैं ?
बिपिन मिश्र : सर ! चिनीमिल गेट पर कैसे कैसे लोगो को ड्यूटी पर लगा दिए हैं, बोलने का ढंग ही नही है,
थाना प्रभारी : चलिए मैं देख रहा हूं,
बिपिन मिश्र ; जी सर

कुछ देर बाद चिनीमिल गेट पर पुलिस बल की गाड़ी आती है, उसमे बैठे एक अधिकारी द्वारा मुझे बुलाया जाता हैं,

पुलिस अधिकारी : क्या बात हैं ?
बिपिन मिश्र : सर कुछ नही आपके सिपाही बदतमीजी से पेश आए, मैने जाम छुड़वाने की बात कही,
पुलिस अधिकारी : आपको किसने अधिकार दिया किसी पुलिस अधिकारी को ड्यूटी बताने के लिए,
बिपिन मिश्र : सर क्या गलत को गलत सही को सही कहना अपराध हैं ? अगर कह दिया तो क्या गलती की ?
पुलिस अधिकारी : अरे आप कप्तान हैं ? क्या हैं आप क्यूं कहेंगे, आप करते क्या है ?
बिपिन मिश्र : सर पत्रकार हूं,
पुलिस अधिकारी : सिपाही को नहीं पता होगा की आप पत्रकार हैं,
बिपिन मिश्र : तो क्या सर आम आदमी की कोई नहीं सुनेगा मैं पत्रकार नही होता तो क्या कोई कुछ भी बोल देगा ?
पुलिस अधिकारी : देखिए सिपाही धुप में ड्यूटी दे रहा है, धैर्य खो दिया होगा
बिपिन मिश्र : सर फिर भी आम आदमी कुछ बोलेगा तो पीटा जायेगा
पुलिस अधिकारी : आपकों जो समझना हो समझिए

इन पूरे बात के दरमयान पुलिस की गाड़ी में बैठे मोहित राठौर सिपाही भी अशोभनीय बात बोल रहा था, जब उसे पता चला की पत्रकार हैं तो शांत हुआ,

इस घटना के उपरांत थाना औराई गया, थाना प्रभारी अजय सेठ से मुलाकात की,

बिपिन मिश्र : सर कुछ देर पहले आपको फोन किया था, चीनी मिल गेट वाला मामला है,
थाना प्रभारी : अच्छा अच्छा
बिपिन मिश्र : सर निखिल कुमार असहज बात किए,
थाना प्रभारी : आप होते कौन हैं ? किसी सिपाही को उसका काम बताने वाले
बिपिन मिश्र : सर वहां जाम बहुत था, कह दिया तो क्या गलत किया ?
थाना प्रभारी : पहली चीज आप हमारे प्राइवेट नम्बर पर फोन मत किया कीजिए, सरकारी नम्बर पर किया कीजिए,
बिपिन मिश्र : सर आपका वो प्राइवेट नम्बर था ?
थाना प्रभारी : जब आपकों सरकारी, प्राइवेट नही पता तो क्या कहें,
चलिए हम सिपाही को डांटेंगे की लोगो के साथ अच्छा व्यवहार करें !
बिपिन मिश्र : ठिक है सर,

ये रहा पूरा प्रकरण, इन घटना क्रम को देखने के बाद ढेर सारे सवाल उठते हैं की क्या आप पत्रकार, नेता नही है तो पुलिस आम जनता के साथ दुर्व्यवहार करेगी ? लगातार पुलिस का जनता के प्रति व्यवहार चिंता का विषय बनता जा रहा है, समाज सरकारी सिस्टम से परेशान आम जनता अपनी समस्या पुलिस के पास लेकर जाती हैं, तो क्या इसी तरह अपमान सहेगी ? क्या जनता के बीच वर्दी का खौफ रखने की कोशिश की जा रही है ? औराई थाना उस जगह मौजूद हैं जहां कई जनपद के लोग कई प्रदेश के लोग आवागमन करते हैं, पुलिस का ऐसा व्यवहार यूपी पुलिस के सम्मान के साथ खिलवाड़ जनपद के पुलिस प्रबंधन पर सवाल उठाते हैं, ऐसे सिपाही के वजह से कर्त्तव्यनिष्ट पुलिस को भी अपमानित करता है, एक तरफ योगी आदित्यनाथ लगातार पुलिस विभाग को बेहतर बनाने की योजना बना रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ पुलिस के अधिकारी सरकार व विभाग को बदनाम करने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं, ऐसे पुलिस अधिकारी पर भी विभागीय स्तर पर कार्रवाई होनी चाहिए जिससे आम आदमी सुरक्षित महसूस कर सकें, और पुलिस विभाग कि किरकरी न हों।

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