बाहुबल के आगे बुलडोजर का निकल गया दम, मोदी योगी की भूमिका पर उठ रहे सवाल

वाराणसी : देश की सबसे पार्टी वाराणसी में सारे विधायक आप के प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र फिर भी भाजपा के प्रत्याशी सुदामा पटेल की करारी हार हुई है। मजे की बात ये है कि भाजपा कोई भी नेता इस पर बोलने के लिए तैयार नही है । बताते चले कि विगत सप्ताह माफिया सरगना बृजेश सिंह की पत्नी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में एमएलसी निर्वाचित हुई है । उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 चुनाव परिणाम के बाद जैसे ही उत्तर प्रदेश विधानपरिषद चुनाव की घोषणा हुई । इस निकाय चुनाव में सभी राजनीतिक दलों की ओर जनता की निगाहें लगी रही, लेकिन इसमें सबसे हॉट सीट मानी जाने वाली वाराणसी एवं आजमगढ़ की विधानपरिषद सीट पर पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा इन सीटों पर अच्छा प्रदर्शन नही करेगी ।

चुनाव के बाद घोषित परिणाम ने भी इस बात को साबित कर दिया कि यूपी में भाजपा सरकार चाहे भले ही सुशासन के दावे कर ले लेकिन जाति विशेष को सरंक्षण देने में उसने कोई कसर नही छोड़ा।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से आने वाली विधान परिषद की सीट पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है , जबकि चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि अबतक के रुझानों में विधानपरिषद के चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी की अधिकांश सीटे ही आती रही है,लेकिन खुद जहाँ से प्रधानमंत्री बतौर सांसद देश का नेतृत्व करते है,वहाँ बाहुबल के सामने घुटने टेकने की घटना सियासी गलियारों को सकते में डालने वाली है।

भदोही, वाराणसी, चंदौली के संयुक्त विधानपरिषद सीट के पहले चरण के वोटों की गिनती में निर्दल प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह ने 2058 वोट हासिल किया तो भाजपा प्रत्याशी डॉ. सुदामा पटेल को मात्र 103 वोट और सपा प्रत्याशी उमेश यादव को 171 वोट मिले। मतगणना के अंतिम चरण की गिनती में सपा को 345 और भाजपा ने सिर्फ 170 वोट हासिल किया। अंत में बाहुबली बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने 4234 वोट हासिल कर जीत दर्ज कर लिया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं यूपी के सी एम योगी आदित्यनाथ को सीधे तौर पर चुनौती के रुप में देखा जा रहा है ।

बता दे कि माफिया बृजेश सिंह के भतीज़े भाजपा विधायक सुशील सिंह खुद चंदौली के सैयदराजा विधानसभा सीट से विधायक है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुशील सिंह के समर्थकों ने भी विधानपरिषद के इस चुनाव में निर्दल प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह, जो बृजेश सिंह की पत्नी है को विजयी बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दिया था । जो जीत के परिणाम के रूप में परिणत हुआ ।
निकाय चुनाव में मिले इस करारी शिकस्त पर भाजपा चुप्पी साधे हुए है ।
पिछड़े होने का खामियाजा भुगत गए सुदामा पटेल ?
सबका साथ- सबका विकास के नारे के बीच एक तरफ विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाली भाजपा को निकाय चुनाव में मिली करारी शिकस्त ,पार्टी के कई विषयों को उजागर कर रही है । विधानसभा चुनाव के दौरान वाराणसी में खुद पी एम एवं सी एम के लगातार कैम्प करने के बाद मिले जीत के बाद, विधानपरिषद निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुदामा पटेल के पक्ष में पार्टी की ओर से सक्रियता न दिखाना और खुद पी एम और सी एम द्वारा वोट के लिए अपील न करना कई सवाल खड़े कर रहे है, पिछडो के कंधे पर खड़ी सत्ता को सुदामा पटेल से परहेज करना कही न कही पिछड़ा विरोधी मानसिकता को दर्शा रहा है।
-अचूक संघर्ष