2024 तक टूट-फुट से बचना चाहती है बीजेपी,जदयू के लिये भी सत्ता सहेजना जरूरी
अमित मौर्या
बिहार।बिहार की सियासत में इसको छोड़ो उसको जोड़ो वाले हालात बनते दिखाई दे रहे थें। इस चर्चा को इस लिए पंख लग गये हैं क्योंकि सूचना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फ़रमान जारी अपने विधायको को पटना में रहने को कहा। हालांकि अब स्पष्ट हो रहा है कि जातीय जनगणना को लेकर नीतीश कुमार को लेकर वह सर्वदलीय बैठक कर सबको एकमत करने के प्रयास में हैं। गौरतलब है कि बीते वर्ष 2021 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर जातिवार जनगणना की मांग की थी।
उसी जातीय जनगणना को लेकर सियासी हलचल बनी हुई है।
देखा जाय तो जातीय जनगणना को लेकर आरजेडी नीतीश कुमार के साथ नजर आ रही है। मगर बीजेपी का स्टैंड बहुत स्पष्ट नही है।
मगर ताजा घटनाक्रम में सूत्रों के अनुसार बीजेपी जातीय जनगणना के प्रस्ताव पर सहमत होती नजर आ रही है।
अगर देखा जाय तो अगर बिहार में बीजेपी जातीय जनगणना पर सहमति जताती है तो कई अन्य प्रदेशों में जातीय जनगणना की मांग को बल मिलेगा। वैसे फिलवक्त 2024 तक बीजेपी जदयू को सेट करने की जी तोड़ कोशिश में रहेगी क्योंकि केंद्र की सत्ता का रास्ता यूपी बिहार से जाता है। लिहाजा जदयू गठजोड़ से अलग होने पर बीजेपी के लिये मुश्किले खड़ी हो सकती हैं। इसी को देखते हुये बीजेपी नीतीश के हाँ में हाँ मिलाएगी। और नीतीश को अपना असली रूप रंग 24 के चुनाव बाद ही दिखाएगी।