Despite all the Facilities Not happy India's urban mom's

सारी सुविधाओं के बावजूद खुश नहीं हैं भारत की शहरी Mom’s

Life Style

[ad_1]

भारतीय शहरों में Mom’s खुश नहीं हैं। शाबाशी न मिलने और खुद से बेतहाशा अपेक्षा रखने के कारण 70 प्रतिशत शहरी Mom’s की जिंदगी से खुशी नदारद है। यह बात एक सर्वे में सामने आयी है जो नौकरीपेशा और गैर नौकरीपेशा 1200 Mom’s पर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता में करवाया गया था। Mom’s प्रेसो नाम की ऑनलाइन कंपनी ने Mom’s हैपिनेस इंडेक्स तैयार किया है।
कंपनी के सीईओ विशाल गुप्ता के मुताबिक एक वर्किंग मां की खुशी सीधे तौर पर घरवालों की खुशी और ऑफिस में प्रोडक्टिविटी से जुड़ी है। उसे घर और दफ्तर दोनों जगहों पर और ज्यादा सराहे जाने की जरूरत है। एक आम भारतीय शहरी मां की जिंदगी में झांकते इस सर्वे की खास बातें…
कितने प्रतिशत Mom’s खुश हैं?
30% खुश हैं
37% कतई खुश नहीं।
33% कुछ हद तक नाखुश हैं

तारीफ कितनी?
27% Mom’s की पिछले एक साल में एक बार भी तारीफ नहीं हुई।
90% खुशहाल Mom’s को पिछले 3 महीने में तारीफ मिली थी।

मॉम है वर्किंग तो बढ़ सकता है बच्चों का वजन

ऑफिस की स्थिति
41% खुशहाल Mom’s ने कहा कि उनके एंप्लॉयर सपॉर्ट करते हैं।
57% मांओं को बच्चा होने के बाद ऑफिस आने में मुश्किल हुई।
76% खुशहाल मांएं अपनी मर्जी से बिना किसी से राय लिए पैसा खर्च करती हैं।
2 घंटे से ज्यादा वक्त रोजाना वॉट्सऐप और फेसबुक को देती हैं।
खुद की रेटिंग में सख्त
73% Mom’s को लगता है कि वे अच्छी मां नहीं हैं।
जब इन्हें खुद को रेटिंग देने को कहा गया तो उन्होंने खुद को 27% दी
बच्चों ने उन्हें 56% रेटिंग दी
जबकि पति ने 37% दी
-एजेंसी

[ad_2]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *