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ज्येष्ठ महीने में सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो जाता है। इस बार 25 मई को ही सूर्य ने रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश किया है। इन दिनों के प्रथम 9 दिन यानी 25 मई से 2 जून तक नौतपा शुरू हो गए। नौतपा एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है।
सूर्य के नक्षत्र बदलते ही नौतपा शुरू हो जाते हैं। इसकी वजह यह है कि इस दौरान सूर्य की लंबवत किरणें धरती पर पड़ती हैं। लेकिन इस बार शुक्र तारा अस्त होने से इसका प्रभाव कम रहेगा। ज्योतिष गणना के अनुसार, जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है तो उन पंद्रह दिनों के पहले नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं।
इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है। खगोल विज्ञान के अनुसार इस दौरान धरती पर सूर्य की किरणें सीधी लम्बवत पड़ती हैं। जिस कारण तापमान अधिक बढ़ जाता है। कई ज्योतिषी मानते हैं कि यदि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है।
25 मई से नौतपा शुरू हो चुका है। ऐसे आसार हैं कि इस बार नौतपा में सूरज बहुत ज्यादा नहीं तपाएंगे। ज्येष्ठ महीने में सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो जाता है। इन दिनों के प्रथम 9 दिन यानी इस बार 25 मई से 2 जून तक नौतपा है।
नौतपा एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है। सूर्य के नक्षत्र बदलते ही नौतपा शुरू हो जाता है। इसकी वजह यह है कि इस दौरान सूर्य की लंबवत किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं। लेकिन इस बार शुक्र तारा अस्त होने से इसका प्रभाव कम रहने की संभावना है। ऐसी मान्यता है कि नौतपा में सबसे ज्यादा गर्मी होती है। धरती इन नौ दिनों में खूब तपती है।
यह ज्योतिषीय मान्यता सालों से सत्य भी साबित हो रही थी, क्योंकि इतने सालों से मौसम भी इसी के अनुरूप व्यवहार कर रहा था। लेकिन इस साल हुए तमाम बड़े बदलावों के चलते इस मान्यता पर भी सवाल उठने लगे हैं। मौसम विज्ञानियों की मानें तो इस साल ज्योतिषीय कारक, मौसमीय कारकों के समानांतर नहीं चल रहे हैं। थोड़े खिसक गए हैं, इसलिए नौतपा में बारिश हो रही है। ज्योतिष गणना के अनुसार, जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है तो उन पंद्रह दिनों के पहले नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं।
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