दयाशंकर कड़क व ईमानदार, मगर कारिंदों से लाचार
जमकर कर रहें सब लूट खसोट कमाई, परिवहन विभाग की हो रही जगहँसाई

मिर्जापुर। वह नियम, नीति, नियत की धज्जियां उड़ाते हैं। बेलगाम होकर मंत्री की साख पर बट्टा लगाते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं। यूपी के मिर्जापुर की जहां परिवहन विभाग के कारिंदों (आरटीओ/एआरटीओ) ने ऊपरी कमाई के लिये ऐसी भसड़ मचाई है कि परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की जंगहसाई हो रही है।
दरअसल चाबुक न चले तो पिजरे का शेर भी बेलगाम हो जाता है। और अपने मालिक के निर्देशों को भी अनसुना कर जाता है। मामला यह है कि आरटीओ संजय तिवारी अपने पैसे बनाने की हवस में इतना बेलगाम हो चुके हैं कि विभाग की गरिमा और सरकार की पाक साफ छवि को दागदार करने से बाज नही आ रहे हैं। यह इतने मनबढ़ उजड्ड औऱ भ्रष्टाचार का पोषक अधिकारी है कि परिवहन दयाशंकर के लिये एक लाइलाज बीमारी साबित हो रहा है। आरटीओ संजय तिवारी ने आरटीओ कार्यालय के कमोबेश सभी अनुभागों से वसूली तय की है। जिसकी वजह से इसके अधीनस्थ कर्मचारी भी परेशान रहते हैं क्योंकि जो कर्मचारी इसके मनमुताबिक वसूली जैसा काम नहीं करना चाहता यह उसे तरह तरह से परेशान करता है। सबको परिवहन मंत्री से अपने कथित सम्बन्धों की धौंस जमाता है। कईयों ने नाम न सार्वजनिक करने की शर्त पर बताया कि संजय तिवारी अपनी ऊपर तक पहुंच बताता है। वह कहता है कि “माल” सिर्फ मैं रखता बल्कि ऊपर तक पहुँचाना पड़ता है। लिहाजा अवैध कमाई पर ज्यादा जोर देता है।
सूत्र तो यहां तक दावा करते हैं की संजय तिवारी अपनी कुर्सी सलामत रखने के लिये उच्चाधिकारियों सियासी संरक्षकों को कलयुग के हर “आइटम” का स्वाद चखाता है। ताकि उसपर आंच आये तो वह सब सम्भाल लें।

वहीं एआरटीओ प्रवर्तन दल विवेक शुक्ला, विजयप्रकाश भी सरकार और शासनादेशों के विपरीत वसूली में संलिप्त हैं। यह भी अपने सियासी आकाओं के बदौलत स्वच्छंदतापूर्वक अवैध कमाई में लगे हैं। इनकी कमाई का जरिया है ओवरलोड वाहनों को टोकन इंट्री कोड देकर उनसे प्रतिमाह लाखों की कमाई करना। यह दोनों एआरटीओ विवेक, विजयप्रकाश अपने गुर्गों के माध्यम से प्रत्येक माह एक टोकन कोड जारी करते हैं जिसे ओवरलोड वाहन संचालक/चालक 3000 रुपये देकर बिना किसी रोक टोक ओवरलोड वाहन को धड़ल्ले से लेकर जिले में आते जाते हैं। इससे यह प्रतिमाह 70 से 80 लाख तक कि कमाई करते हैं। जिसमें आरटीओ संजय तिवारी का भी मोटा हिस्सा (20 लाख ) होता है।
इन सब को देखकर यही किस्सा लोगों की जुबान पर है कि मंत्री तो ईमानदार है, मगर कारिंदों से लाचार है।
गुरुजी का लेकर नाम, दयाशंकर को कर रहा बदनाम
आरटीओ मिर्जापुर संजय तिवारी परिवहन विभाग के अधिकारियों से कहता है कि परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के गुरु व मेरे गुरु एक ही है हम और परिवहन मंत्री गुरु भाई है और गुरु जी ने परिवहन मंत्री से कह दिया है कि संजय तिवारी का खयाल रखना इसलिए मैं जो भी चाहूं मंत्री जी से काम करवा सकता हूँ दूसरी तरफ हमारे सम्पादक जी अमित मौर्य ने जब परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से लखनऊ में उनके आवास पर जब पिछली खबर “आरटीओ मिर्जापुर संजय तिवारी की कारस्तानी, मंत्री दयाशंकर सिंह का उतार दिया पानी “का चर्चा किया तो दयाशंकर हतप्रभ हो गए कहा कि जो भी अधिकारी मेरे नाम को अपने नाम से जोड़ेगा उसका मैं बुखार छुड़ा दूंगा।
अब देखना है कि अपने कड़े तेवर व ईमानदारी की मिशाल परिवहन मंत्री दयाशंकर संजय तिवारी का बुखार छुड़ाते है या फिर गलबहियां करते है ये तो आने वाला समय बताएगा।
स्वतंत्र देव सिंह की एआरटीओ विजय प्रकाश, अरविंद सिंह, पीयूष उर्फ बुलबुल से कथित जुगलबंदी
कहने को तो स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश अध्यक्ष व भारी भरकम विभाग जल शक्ति के कैबिनेट मंत्री है लेकिन जब ये पूर्व में परिवहन मंत्री थे तब विजय प्रकाश इनका चहेता था चहेता क्यो था ये तो आप जानते ही होंगे कारण चढ़ावा जो मिलता था। विवेक शुक्ला व विजय प्रकाश ने दो प्रमुख रूप से 2 प्राइवेट आदमी अरविंद सिंह मोबाइल नम्बर 9919318424 व पीयूष सिंह बुलबुल 7800052777 ये दोनों मिर्जापुर के ही रहने वाले है स्वतंत्र देव सिंह का धौस जमाकर पूरे प्रदेश से ओवरलोड वाहनों से भारी भरकम धन उगाही कर रहे है। विवेक शुक्ला व विजय प्रकाश का इंट्री का पूरा गैंग यही सब सँभालते है। स्वतंत्र देव सिंह की कथित संरक्षण से सब दिल खोल के अवैध वसूली में संलिप्त है।
ओवरलोड के सम्बंध में उच्चतम न्यायालय का आदेश
केंद्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 113 व 114 तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा रिट याचिका संख्या 136/2003 परमजीत भसीन व अन्य बनाम यूनियन बैंक ऑफ इंडिया व अन्य में पारित आदेश दिनांक 9/11/2005 के दृष्टिगत अनुमन्य भार क्षमता से अधिक माल का परिवहन नही किया जा सकता है
-अचूक संघर्ष