This princess used to bath with donkey milk for maintain beauty

खूबसूरती के लिए गधी के दूध से स्‍नान करती थी ये राजकुमारी

Cover Story

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इतिहास में अगर किसी रानी की सुंदरता की बात होती है, तो मिस्र की राजकुमारी क्लियोपैट्रा का नाम सबसे ऊपर दर्ज होता है। वह सुंदरता की देवी भी कही जाती हैं। उनकी खूबसूरती और जवानी हमेशा बरकरार रहे इसके लिए वह अपने ब्‍यूटी रूटीन में कई ऐसी रहस्यमयी सामग्रियों का इस्‍तेमाल करती थीं, जो हम और आप सोच भी नहीं सकते।
आज यह बात किसी से छिपी नहीं है कि राजकुमारी क्लियोपैट्रा अपने स्नान में गधी के दूध का इस्‍तेमाल करती थीं मगर खूबसूरती को अपनी ताकत मानने वाली ये रानी केवल यहीं तक नहीं रुकी। बल्‍कि चेहरे पर निखार और झुर्रियों को मिटाने के लिए वह और भी बहुत कुछ करती थी।
गधी का दूध था खूबसूरती का राज
क्लियोपैट्रा पानी की जगह गधी के दूध से स्‍नान किया करती थीं। अतिरिक्त लाभ के लिए इस दूध में हल्‍दी मिलाया जाता था। दूध में पाया जाने वाला लैक्टिक एसिड, विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, बायोएक्टिव एंजाइम आदि त्वचा को लाभ पहुंचाने के ही साथ स्‍किन को गोरा और चमकदार बनाने में मदद करते हैं। क्लियोपेट्रा की ही तरह आप भी अपने पानी में दूध और लैवेंडर जैसे फूल का एसेंशियल ऑयल मिलाकर नहा सकती हैं।
बुढ़ापे के निशान मिटाने के लिए रॉयल जैली
माना जाता था कि क्लियोपेट्रा अपनी त्वचा को सिर से पैर तक मॉइस्चराइज करने के लिए ब्‍यूटी रूटीन में रॉयल जेली का इस्तेमाल करती थीं। रॉयल जेली मधुमक्खियों से एकत्र की जाती है। यह नर्स मधुमक्खियों के हाइपोफरीनक्स ग्रंथियों से स्रावित होती है। इस जैली में जरूरी विटामिन और मिनरल्‍स पाए जाते हैं तो त्वचा को अच्छी तरह से मॉइस्चराइज करता है। यह स्‍किन में कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देता है जिससे फाइन लान्‍स और झुर्रियां मिटती हैं।
खूबसूरत आंखों के लिए ऐसे बनाया जाता था काजल
रानी अपनी आंखों को आकर्षक बनाने के लिए काला गालिना या हरा मैलाकाइट लगाती थी। इन्‍हें दालचीनी की छाल या लोबान से तैयार किया जाता था। यह त्‍वचा पर अच्‍छी तरह से लग सके इसके लिए इस काजल में प्राकृतिक तेलों या पशु वसा का मिश्रण होता था। यह आंखों को हेल्‍दी बनाने के साथ-साथ उसे कंजंक्टिवाइटिस जैसी बीमारियों से बचाने का भी काम करता था।
स्‍किन की चमक ऐसे रखती थीं बरकरार
माना जाता है कि डेड सी (मृत सागर) का नमक त्वचा में चमक भरने और स्‍किन से मृत कोशिकाओं को हटाकर मुंहासे होने से रोकता है। क्लियोपैट्रा अपनी स्‍किन को एक्सफोलिएट करने के लिए डेड सी साल्ट का प्रयोग करती थीं। यह उनके शाही स्नान का एक हिस्‍सा माना जाता था। आप भी चाहें तो दरदरे नमक का 1 चम्‍मच लेकर उसें एसेंशियल ऑयल मिलाकर स्‍क्रब कर सकती हैं।
नाखूनों पर लगाती थी मेंहदी
क्लियोपेट्रा अपने नाखूनों को पोषण देने और कंडीशन करने के लिए मेंहदी का इस्तेमाल करती थी। इसे एक तरह के नेल पेंट के रूप में देखा जाता था। यही कारण है कि नेल पॉलिश मिस्र की संस्कृति में भी मिलती है।
-एजेंसियां

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