मिर्जापुर परिवहन विभाग के तीन तिगाड़े, कड़क व ईमानदार परिवहन मंत्री दयाशंकर की छवि बिगाड़े

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आरटीओ संजय तिवारी, एआरटीओ प्रवर्तन विवेक शुक्ला व विजय प्रकाश की अवैध वसूली की तिकड़ी, योगी व दयाशंकर की छवि बिगड़ी

सोनिका मौर्या
सोनिका मौर्या

वाराणसी /मिर्जापुर दशकों लग जाते हैं पौध को पेड़ बन जाने में,जड़ों से लिपटे दीमके देर नहीं करते उसे खोखला बनाने में। कुछ यही हाल है यूपी सरकार के परिवहन विभाग के कुछ अधिकारियों का जिन्हें यूपी सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ और विभाग के सर्वेसर्वा कड़क व बेहद ईमानदार परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की कयावद को कांधा देने पर आमादा रहते हैं। दूसरी तरफ विभाग नियम व कायदे कानून को ताक पर रखते हुए अन्य-आय से मोटी कमाई कर रहे है।जी हां मैं बात कर रही हूं जनपद मिर्जापुर के आरटीओ संजय तिवारी व एआरटीओ प्रवर्तन विवेक शुक्ला व विजय प्रकाश ओवरलोडिंग से जम कर लाखो करोड़ो की अवैध वसूली कर रहे है।

विभाग के नियमों कानूनों और मुख्यमंत्री के आदेशों के खिलाफ जिसे ओवरलोडिंग कहते हैं। जिसकी वजह से परिवहन विभाग की साख को दीमक लग ही रहा है और साथ राजस्व की तियाँ पांच करते हुए ये परिवहन अधिकारी अपनी तिजोरी भर रहे हैं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व परिवहन मंत्री का आदेश तार तार

टोकन इंट्री का खेल, दिन में बंद रात से भोर तक रेलम रेल :

मिर्जापुर एआरटीओ के प्रवर्तन अधिकारियों के अवैध आय के प्रति शातिराना सोच का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अपने बचाव के लिए यह रास्ता अख्तियार करते हुए इंट्री से कमाई कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि मिर्जापुर के एआरटीओ प्रवर्तन विजय प्रकाश व विवेक शुक्ला चौबीस घण्टे की इंट्री की बजाय सायं सात बजे से सुबह पांच बजे की इंट्री चला रहे हैं। जिससे इनके कारनामों पर कार्रवाई की तलवार न लटके क्योंकि इनकी कारगुजारियों से विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर कई जांच एजेंसियों की निगाहें टेढ़ी रहती हैं। दरअसल ओवरलोड वाहनों को रात में गन्तव्य तक पहुचाने का एक मौखिक अनुबंध वाहन चालकों और एआरटीओ में होता इसलिए ओवरलोडिंग वाहन रात में चलते हैं और सुबह रोड किनारे खड़े हो जाते हैं। और खड़ी गाड़ी पर कार्रवाई नही होती,अगर दिन में कोई ओवरलोड वाहन (भले ही इंट्री कोड लिया हो) पकड़ा जाता है तो उस पर जुर्माना सीजर की कार्रवाई हो जाती है। जिससे यह लगे की प्रवर्तन कार्य में पारदर्शिता है। बताते चलें कि मिर्जापुर, में ओवरलोड टोकन इंट्री का खेल बदस्तूर जारी है।

कैसे होता है टोकन इंट्री का खेल

आप सोचते होंगे कि आखिर टोकन इंट्री क्या बला है आइये हम बताते है कि क्या होता है इंट्री मिर्जापुर के दोनों प्रवर्तन विजय प्रकाश व विवेक शुक्ला एक खास कोड तैयार करते है ये कोड भी अजब गजब नाम के होते जैसे राम ,श्याम हनुमान शंकर कल्लू मठल्लु ये गाड़ी अंडरलोड है कभी कभी कोड अंकगणित में भी रहा है जैसे d -55 a-100 मतलब एक छदम नाम की सहमति होती है और उसे कुछ खास ट्रांसपोर्टर व खास सिपाहियों के द्वारा मोटरमालिको को दे दिया जाता है 1 से लेकर 7 तारीख तक जब एआरटीओ प्रवर्तन चेकिंग करते है तो ड्राइवर बताता है गाड़ी इंट्री की है और वो कोड बताता और बड़े आराम से ओवरलोड वाहन को लेकर चला जाता है लेकिन 7 तारीख के बाद एआरटीओ प्रवर्तन द्वय द्वारा अपने खास गुर्गो से ओवरलोड वाहनों की लिस्ट व साथ मे पैसा मांग लिया जाता है फिर 7 तारीख के बाद जब प्रवर्तन दल चेकिंग करते है तो ड्राइवर कोड बताता है फिर उस गाड़ी नम्बर का उस कोड वाली लिस्ट से सत्यापन किया जाता है यदि उस गाड़ी का नम्बर उस लिस्ट में होता है तो उसे बन्द नही किया जाता है और यदि उक्त गाड़ी का नम्बर लिस्ट में नही होता है तो उसे हिदायत देते हुए ये सलाह दी जाती है कि ओवरलोड चलना है तो सिस्टम में चलो और फिर उस गाड़ी को बंद कर दिया जाता है

कैसे होता है लिस्ट से सत्यापन

मिर्जापुर के एआरटीओ प्रवर्तन द्वय विवेक शुक्ला व विजय प्रकाश दोनों एक नम्बर के भृष्टाचारी मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री की गरिमा गिरा रहे बारी बारी

मिर्जापुर के दोनों एआरटीओ विवेक शुक्ला व विजय प्रकाश प्रवर्तन चेकिंग के समय एक दो प्राइवेट आदमी रखते है या ये जिम्मेदारी अपने खास ड्राइवर को भी दे देते है कहि फस न जाय इसलिए अपने मोबाइल से लिस्ट के मिलान के लिए फोन नही करते दरअसल होता है लिस्ट कहि और रहता है उस लिस्ट की लैपटॉप में फीडिंग करा के अपने किसी विश्वसनीय आदमी के यहाँ रखते है फिर उसका नम्बर गाड़ी में साथ चलने वाले सिपाही या प्राइवेट या ड्राइवर को दे देते है गाड़ी चेकिंग करने पर लिस्ट का मिलान मोबाइल से बात कर के की जाती है फिर वही खास आदमी एआरटीओ प्रवर्तन विवेक शुक्ला या विजय प्रकाश को बता देते है गाड़ी लिस्ट में है या नही ऐसा इसलिए ये अधिकारी करते है कि अपने मोबाइल से बात करते समय कहि फस न जाय।

लिस्ट ही लक्ष्मी प्राप्तियंत्र

एआरटीओ प्रवर्तन के गुर्गे जिस लिस्ट का मिलान करते है उसी लिस्ट से पैसे की वसूली भी होती है जैसे दुकान दार अपने दुकान के विभिन्न समानों का अलग अलग मूल्य रखते है वैसे ये चिरकुट लम्पट बेईमान मिर्जापुर के प्रवर्तन अधिकारी अपनी लिस्ट की दुकानदारी के लिए 6 टायर का अलग ,10 टायर का अलग 12 टायर ,14 टायर ,ट्रेलर पिकअप का अलग अलग मूल्य निर्धारित किये जिसकी जैसी लिस्ट होती है उस हिसाब से उससे पैसे की वसूली की जाती है और ये वसूली एक ख़ास आदमी के द्वारा की जाती है

आरटीओ संजय तिवारी है घाघ, अवैध वसूली का सरताज

मिर्जापुर का आरटीओ संजय तिवारी एक नम्बर का घाघ अधिकारी है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के गुरु जी का नाम लेकर मंत्री की साख को धूल धूसरित कर रहा है समस्त अनुभागों से अवैध वसूली करवाता है यही नही जनपद भदोही व सोनभद्र से भी हर माह बधी बधाई रकम वसूलता है।ओवरलोडिंग में भी कुल अवैध वसूली का 20 फीसदी हिस्सा ये भी लेता है

-अचूक संघर्ष

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