कैसा मान कैसी हानि: घूसखोरी में कथित रुप से संलिप्त है ARM मख्खन लाल केसरवानी

State's उत्तर प्रदेश

रूट आफ के नाम पर चालक और परिचालक को किया जाता उत्पीडन, हफ्तों बैठाया जाता घर

चालक और परिचालक के उत्पीड़न मे कितनी मानिहानि और क्षति इसका पता नही एआरएम मख्खनलाल केशरवानी को

विभाग की काली करतूत और हस्त लिखित पास को छापने के नाम पर बौखलाये एआरएम ने पत्रकारों को भेजवाया नोटिस और मानहानि का पत्र

अजय सिंह-

फतेहपुर परिवाहन निगम की रीढ़ कहे जाने वाले चालक एवं परिचालको रूट आफ के नाम पर उत्पीडन रूकने का नाम नही ले रहा है परत दर परत विभाग की काली करतूतें सामने आ रही है सूत्रों के मुताबिक छपी खबरों के अनुसार विभाग मे हडकम्प मचा हुआ है। वही अभी भी विभाग के परिचालकों से बैग, मशीन,और कैश जमा करने के नाम पर सुविधा शुल्क जमा करायी जाती है।आखिर यह सुविधा शुल्क किसके और किस मद मे जमा होता है परिचालक आखिर क्या करे हर जगह काऊन्टर मे बैठे बाबू बैग जमा करने के नाम पर 10 से 20 रूपये,कैश जमा करने के नाम पर, 10 से 20 रूपये बैग, और मशीन जमा करने के नाम पर 10 से 20 रूपये प्रति बस परिचालक से जमा करने के लिए मजबूर किया जाता है आखिर यह राशि किसके इशारे पर और किस मद पर खर्च किया जाता है जो प्रतिदिन लगभग एक सैकडा से अधिक चालक और परिचालक से जमा करवाया जाता है। सूत्रों के मुताबिक कुछ चालक एवं परिचालकों को रूट आफ के नाम पर हफ्तों घर बैठा दिया जाता है जिनको अपनी रोजीरोटी चलाने के लिए लाले पडते है।

वही इसके पहले जब अचूक संघर्ष समाचार पत्र ने परिवाहन निगम के एआरएम मख्खनलाल केशरवानी से कुछ जानकारी चाही थी तो आरोप लगाकर इतिश्रि कर लिया। लोगों को यात्रा करने के लिए भारी मुश्किल भरी राहों का सामना करना पड रहा है। जहा पर स्टाप है बसों को बस चालक एवं परिचालक बसो को नही रोकते है इसके अलावा दैनिक यात्री लगातार शिकायतें मोबाईल फोन से करते रहते है इस पर कोई ध्यान नही दिया जाता है यहा तक की चालक और परिचालक अपनी ड्रेस की भेश भूसा पहन कर भी बसों का संचालन नही करते है।

बसों के संचालन और सुगम रोड पर चलने के लिए विभाग मे बैठे भ्रष्ट बाबुओं के द्वारा चढावे के वगैर चालक एवं परिचालकों को आऊट रूट पर भेज दिया जाता है विभाग के जानकार तो यहां तक बताते है कि विभाग मे सब ठीकठाक नही चल रहा है काली कामाई का अहम खेल अनुबंन्धित बसों से भी होता है बस स्टाफ मे गंन्दगी का अम्बार लगा हुआ है जिसकी कोई भी सुध लेने वाला नही। सूत्रों के मुताबिक हर महीनें चेकिंग के नाम पर एक बड़ा खेल किया जाता रहा है चालक और परिचालक अपने खेल से बाज नही आ रहे है आखिर चेकिंग के नाम पर अब तक कितने चालक एवं परिचालकों पर अब तक विभागीय कार्यवाही हुई है चेकिंग के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती रही है यह तो समय समय ही बतायेगा। बसों के संचालन और मुसाफिरों के आवागमन पर कोई ध्यान नही दिया जाता है सब कुछ रामभरोसे ही चल रहा है.

हस्तलिखित पास की खबर से बौखलाये एआरएम मख्खनलाल केशरवानी की जडे़ हिल गयी है विभाग को चूना लगाने मे कोई कोर कसर नही छोड़ी है।

-अचूक संघर्ष

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