छुट्टा पशु (गाय व सांड) बने किसानों के जी का जंजाल, व कौन दिलाएगा इन सबसे निजात

शीर्षक पढ़े के चौकिये मत गाय व सांड इस सरकार के मम्मी पापा है जो किसानों की नींद हराम किये हुए है। उत्तर प्रदेश में छुट्टा जानवर किसानों के लिए जी का जंजाल बने हुए हैं। गाय, बैल आदि पशु फसलों को चर रहे हैं जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान पूरी पूरी रात जाग कर फसले बचाते हैं लेकिन उसके बाबजूद भी छुट्टा पशु किसानों के खेतों में खड़ी फसल चट कर जाते हैं। योगी सरकार ने 2017 में सत्ता संभालते ही बिना किसी पूर्व तैयारी के अवैध बूचड़खाने बंद कराने के ऐलान के साथ ही गौवंश के वध पर सख्त कानून जारी कर दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि गाय, बछड़ों, बैलों आदि के क्रय विक्रय पर रोक लग गई और लाखों की संख्या में छुट्टा जानवर किसानों के लिए विकराल समस्या बन गए।
किसान अपनी फसलों में भरसक मेहनत करते है खाद पानी लगाते हैं दिन रात खेतों पर रहकर खेतों की रखबाली करते हैं उसके बाद भी आवारा पशु उनकी फसल चौपट कर देते हैं। पिछली सरकार में भी आवारा पशुओ के प्रबंधन के लिए योजनाएं तो खूब बनी लेकिन हकीकत में कुछ नही हुआ। सरकार ने गोशालाएं बनवाई बड़े बड़े वादे किए गए कि सारे जानवरों को पकड़ के गौशालाओं में बंद किया जाएगा लेकिन जमीन पर कुछ नहीं हुआ। गौशालाओं के बजट से ठेकेदारों और अधिकारियों ने अपनी जेबें भरने का काम किया जिससे सरकार की मंशा अनुसार कार्य नहीं हो पाया। अब प्रदेश में दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बन चुकी है। माननीय योगी जी दूसरी बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं। लेकिन आवारा पशुओं की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। जिससे किसान काफी परेशान है, और खेती छोड़ने को मजबूर हैं। किसानों से बात करने पर किसान भारी मन से कहते हैं कि लागत पानी तो लगा लेते हैं सब मेहनत भी कर लेते हैं लेकिन जानवरों से खेतों को कहां तक बचाएं। कुछ किसान जो संपन्न है उन्होंने अपने खेतों के चारों ओर तार वगैरा लगाएं हैं लेकिन जानवरों की बढ़ती जनसंख्या से वो भी नाकाफी साबित हो रहे हैं।
पूरे प्रदेश में हर जगह यह जानवर नजर आने लगे हैं। खेत पर रोड पर जहां भी देखो झुंडों में घूम रहे छुट्टा पशु आपको दिख जाएंगे।
छुट्टा पशुओं से परेशानी का आलम ये है कि कई जगह इनको भगाने के चक्कर में किसान आपस में लड़ जाते हैं, या जो किसान रात में जानवर भगाने जाते हैं वो अपने खेतों से जानवर भगा कर दूसरे के खेत में कर देते हैं। इन छुट्टा जानवरों से किसान तो परेशान है हीं लेकिन जब ये जानवर सड़कों पर पहुंचते हैं तो यही जानवर सड़क दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं। पिछले कुछ सालों में इन जानवरों के कारण बहुत सी दुर्घटनाएं हुई हैं जिनमे लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ी है। शहरों में ये जानवर सड़कों पर घूमते हैं जिससे राहगीरों को काफी समस्या होती है और कभी कभी ये राहगीरों को दौड़ाकर मारते है। रातों में चौराहों पर सैकड़ों जानवर रास्ता घेर कर बैठ जाते हैं जिससे निकलना दुभर हो जाता है।
सरकार को चाहिए कि लोगों की आस्था और किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए इन जानवरों का उचित प्रबंध करे, और जानवर छोड़ने बालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही हो।
किसानों को सूबे में बनी योगी 2 सरकार से काफी उम्मीदें हैं। अब देखना यह है कि योगी जी किसानों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं और किसानों को छुट्टा जानवरों की समस्या से कैसे छुटकारा दिलाते हैं।
-अचूक संघर्ष-