काशी के स्वच्छता नायकों का योगी ने किया सम्मान, ऐसे ही वंचितो का आप रखते रहे ध्यान
तुषार मौर्य

● बीते वाल्मीकि जयंती पर 500 स्वच्छता मित्रों का भव्य अभिनंदन
● मुख्यमंत्री ने सफाई कर्मियों को भोजन परोसकर जताया सम्मान, भावुक हुए स्वच्छता मित्र
● 500 सफाई कर्मियों को मिला सम्मान, आत्मसम्मान से दमके चेहरे
● भगवान वाल्मीकि जयंती पर योगी सरकार का तोहफा सफाई कर्मियों सेलरी सीधे होगी बैंक में ट्रांसफर
● अब कोई नहीं कर सकेगा सफाई कर्मियों का शोषण, योगी सरकार ने दी कानूनी ढाल
● हर स्वच्छता कर्मी के परिवार को मिलेगा 5 लाख का मुफ्त इलाज, आयुष्मान कार्ड बनेगा कवच
● ‘स्वच्छता भी सेवा है’ योगी ने कहा, सफाई कर्मी ही समाज के असली रक्षक
● वाराणसी बनेगी देश की स्वच्छता राजधानी, योगी बोले गंगा की तरह निर्मल होगी काशी
● भक्ति, सेवा और सम्मान का संगम वाल्मीकि जयंती पर काशी ने दिया अद्भुत संदेश
वाराणसी। भगवान शिव की नगरी और भारत की सबसे प्राचीन सांस्कृतिक राजधानी भगवान बाल्मीकि की जयंती पर एक अलग ही आलोक में नहाई दिखी।मुख्यमंत्री योगी ने भगवान वाल्मीकि जयंती की पूर्व संध्या पर 500 स्वच्छता मित्रों का भव्य सम्मान कर यह संदेश दिया कि जो दूसरों के लिए स्वच्छता का पर्व रचते हैं, वे भी सम्मान के अधिकारी हैं। मुख्यमंत्री ने स्वयं अपने हाथों से सफाई कर्मियों को भोजन परोसकर सेवा का सबसे पवित्र उदाहरण प्रस्तुत किया। सफाई कर्मियों के चेहरों पर जो मुस्कान थी, वह केवल खुशी नहीं बल्कि वर्षों की मेहनत और तिरस्कार के बाद मिला सम्मान का आलोक था।
वाल्मीकि जयंती पर 500 स्वच्छता मित्रों का भव्य अभिनंदन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विगत दिनों आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में 500 सफाई कर्मियों को स्वच्छता मित्र के रूप में सम्मानित किया। यह आयोजन भगवान वाल्मीकि जयंती पर 7 अक्टूबर की पूर्व संध्या पर किया गया, जिसे योगी सरकार ने समानता, सम्मान और स्वच्छता का प्रतीक दिवस घोषित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सफाई कर्मी समाज के ऐसे प्रहरी हैं जो हर सुबह शहर को नया जीवन देते हैं। जो दूसरों के लिए सफाई करते हैं, उनके जीवन में भी उजाला और सम्मान आना चाहिए, यही सच्ची वाल्मीकि जयंती है।
500 स्वच्छता मित्रों का सम्मान चमकते चेहरे, झिलमिलाती उम्मीदें
सिगरा स्थित पं.दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री ने मंच से उतरकर सफाई कर्मियों को माला पहनाई, सम्मान पत्र दिया और भोजन प्रसाद परोसा, तो पूरा वातावरण भावनाओं से भर उठा। सैकड़ों सफाई कर्मियों की आंखों में खुशी के आंसू और चेहरों पर गर्व की चमक थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सफाई कर्मी हमारे समाज के मौन योद्धा हैं। वे बिना किसी चर्चा या पहचान के हर दिन लोगों की सेहत की सुरक्षा करते हैं। आज का यह सम्मान उनके प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है।
योगी ने भोजन परोसकर बढ़ाया आत्म सम्मान
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित सफाई कर्मियों के लिए विशेष प्रसाद वितरण की व्यवस्था करवाई।
योगी स्वयं वहां पहुंचे और सफाई मित्रों की थाली में भोजन परोसा। यह दृश्य देखकर कई कर्मी भावुक हो उठे। कहा कि आज पहली बार हमें लगा कि सरकार सच में हमें अपना मानती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो हमें स्वच्छता का सुख देते हैं, उन्हें सम्मान देना हमारा कर्तव्य है। स्वच्छता कर्मी भगवान वाल्मीकि की परंपरा के सच्चे अनुयाई हैं।
वाल्मीकि जयंती बना ‘सम्मान दिवस’
योगी सरकार ने भगवान वाल्मीकि जयंती को विशेष महत्व देते हुए सफाई कर्मियों के लिए इसे सम्मान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सफाई कर्मियों के हित में ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि हर कर्मी को प्रतिमाह 16 से 20 हजार रुपए वेतन सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाएगा। कहा कि अब कोई भी ठेकेदार या बिचौलिया सफाई कर्मियों की मेहनत का पैसा नहीं रोक सकेगा। यह सरकार शोषण खत्म करने आई है, किसी को भी सफाई कर्मी का हक छीनने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
हर सफाई कर्मी को मिलेगा 5 लाख का निःशुल्क इलाज
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सभी सफाई कर्मियों और उनके परिवारों के लिए 5 लाख रुपए तक का निःशुल्क इलाज सुनिश्चित करने हेतु आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। सफाई कर्मी हर दिन दूसरों के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं, इसलिए उनकी सेहत की चिंता सरकार करेगी। योगी ने कहा कि हमारी सरकार हर सफाई कर्मी को आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर करेगी। चाहे वह गांव का हो या शहर का, हर परिवार को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।
स्वच्छता भी सेवा है, और यह ईश्वर की आराधना
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सफाई केवल एक पेशा नहीं बल्कि सेवा और साधना है। कहा कि स्वच्छता ईश्वर के निकट जाने का मार्ग है। भगवान वाल्मीकि के जीवन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि समाज में समानता तभी संभव है जब हम सेवा को सम्मान का दर्जा दें। भगवान वाल्मीकि ने मानवता का सबसे बड़ा संदेश दिया कि किसी भी कार्य को छोटा न समझो। सफाई का कार्य सबसे पवित्र है, क्योंकि यह दूसरों के जीवन को बेहतर बनाता है।
सरकार ने तय की नई पारदर्शी प्रणाली नहीं होगा शोषण
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दशकों में सफाई कर्मियों के नाम पर ठेकेदारी व्यवस्था ने बड़ा अन्याय किया है।
कई बार कर्मियों को समय से वेतन नहीं मिलता था या बिचौलिए हिस्सा काट लेते थे। अब यह स्थिति पूरी तरह खत्म होगी। योगी सरकार ने ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम’ लागू किया है, जिसके तहत सफाई कर्मियों की सैलरी सीधे उनके बैंक खाते में जाएगी। इसके साथ ही नगर निगमों को निर्देश दिया गया है कि सभी सफाई कर्मियों का बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन और डिजिटल उपस्थिति रिकॉर्ड रखा जाए, ताकि कोई भी फर्जी नाम या कटौती न हो सके।
स्वच्छता मित्रों के बच्चों की शिक्षा पर भी सरकार का फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि सफाई कर्मियों के बच्चों की शिक्षा ही उनकी असली मुक्ति का मार्ग है। सरकार इन परिवारों के बच्चों को प्राथमिक विद्यालय से लेकर उच्च शिक्षा तक छात्रवृत्ति और विशेष सहायता प्रदान करेगी।
इसके लिए सामाजिक न्याय विभाग और नगर निगम संयुक्त योजना तैयार करेंगे। हम चाहते हैं कि सफाई कर्मियों के बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर और अधिकारी बनें। यही सच्चा सामाजिक न्याय है।
काशी बनेगी स्वच्छता मॉडल सिटी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी सिर्फ आध्यात्मिक राजधानी नहीं, बल्कि स्वच्छता की राजधानी भी बनेगी।
उन्होंने नगर निगम वाराणसी को निर्देश दिया कि सभी घाटों, गलियों और वार्डों में स्वच्छता मिशन के तहत नियमित निगरानी टीम बने। हर सफाई कर्मी को सुरक्षा उपकरण, दस्ताने, मास्क और यूनिफॉर्म उपलब्ध कराई जाए। स्वच्छता अब केवल नगर निगम का नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए। गंगा मां को निर्मल रखना तभी संभव है जब काशी का हर नागरिक अपनी गली को साफ रखे। यह केवल सरकार का नहीं, समाज का मिशन है।
वाल्मीकि की शिक्षाओं से प्रेरित सरकार का ‘मानव धर्म’ दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में भगवान वाल्मीकि की शिक्षाओं को उद्धृत करते हुए कहा कि उनकी जीवन यात्रा बताती है कि कोई व्यक्ति जन्म से महान नहीं होता, कर्म से महान बनता है। योगी ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य भी यही है हर व्यक्ति को सम्मान, सुरक्षा और अवसर देना। सफाई कर्मियों का सम्मान केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि समानता के युग की शुरुआत है।
भक्ति, सेवा और स्वाभिमान का संगम
मुख्यमंत्री ने मंच से उतरकर स्वच्छता मित्रों से हाथ मिलाया, तो पूरा सभागार ‘स्वच्छता ही सेवा है’ के नारों से गूंज उठा। सफाई कर्मियों ने भी मुख्यमंत्री के इस कदम को ऐतिहासिक बताया। एक सफाई कर्मी ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से कार्य कर रहा हूं, पहली बार लगा कि सरकार ने हमें देखा, सुना और समझा। योगी बोले ने कहा कि काशी का स्वच्छ चेहरा ही भगवान वाल्मीकि को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में हर नगर निगम और पंचायत स्तर पर वाल्मीकि जयंती के अवसर पर स्वच्छता सम्मान समारोह आयोजित किए जाएंगे, ताकि सफाई कर्मियों को साल में एक बार नहीं, हर दिन सम्मान मिले।
* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में 500 सफाई कर्मियों को स्वच्छता मित्र के रूप में सम्मानित किया।
* भगवान वाल्मीकि जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वयं भोजन परोसा।
* सफाई कर्मियों की मासिक सैलरी 16,000 से 20,000 रुपए तक सीधे बैंक खातों में भेजने की व्यवस्था।
* सभी सफाई कर्मियों और उनके परिवारों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।
* ठेकेदार या बिचौलिया सफाई कर्मियों के वेतन में दखल नहीं दे सकेगा।
* सरकार ने सफाई कर्मियों के बच्चों की शिक्षा और छात्रवृत्ति के लिए नई योजना की घोषणा की।
* काशी को देश की स्वच्छता राजधानी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
* भगवान वाल्मीकि के आदर्शों से प्रेरित योगी सरकार का संदेश सेवा ही सबसे बड़ी साधना।