काशी में जन्मा दशानन, शुरु हो गई रामनगर की रामलीला

माह भर तक त्रेतायुगीन कथाओं से जीवंत होगा काशी की नगरी
वाराणसी ।रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला की शुरुआत को हो गई।काशी के उपनगर रामनगर में शनिवार को दोपहर के बाद आयोजनों ने गति पकड़ी तो धरती पर लगा मानो त्रेतायुग उतर आया हो शाम होते ही सबसे पहले पूजनोपरांत रावण का जन्म हुआ।
परंपरागत तारीके से अपनी बग्घी पर किले के भीतर से निकलकर रामलीला मैदान की ओर जाते काशिराज परिवार के अनन्त नारायण सिंह को देखकर जनता भी भाव विभोर नजर आई और उनको प्रणाम कर जनता परंपराओं में शामिल होने निकल पड़ी। परंपराओं की अगली कड़ी में लीला स्थल पर काशिराज परिवार के अनन्त नारायण सिंह को गार्ड आफ आनर 36 वीं वाहिनी पीएसी के जवानों ने दी तो आयोजन को गति मिली। मंच पर सधे कलाकारों ने कंधे पर सवार होकर मंच पर पहुंचने के बाद अपने संवादों को दोहराया तो मंच एक बार फिर से त्रेता कालीन घटनाओं को जीवंत करने के लिए मानस की चौपाइयों से गुंजायमान हो गया। प्रथम दिन के आयाेजन से हजारों लीला प्रेमियों की जुटान हुई तो नारों से आसमान भी गूंज उठा। प्रथम दिन के आयोजन में भीड़ भी रही और उत्साह भी लीला प्रेमियों का भीड़ दोपहर से नजर आने लगा। जिधर नजर गई उधर लीला प्रेमी दोपहर बाद आयोजन स्थल की ओर खिंंचे चले आए।आयोजन की परंपराओं के क्रम में सबसे पहले रावपण जन्म की कथा के बाद रामनगर की रामलीला में रावण लोगों के आकर्षण का केंद्र बना। आग की धधकती लपटों के बीच लंकेश का यज्ञ करने का क्रम शुरू हुआ तो लीला प्रेमी भी आयोजन से आ जुटे।साथ ही क्षीर सागर की झांकी सजी और मास पर्यंत चलने वाली विश्वप्रसिद्ध रामलीला का श्रीगणेश हो गया।