Ballia बलिया

परिवहन मंत्री दयाशंकर को मिला हुनमान जी का पैगाम, जब तक सम्पूर्ण विकास नही होगा नही करूंगा आराम

बलिया के हनुमान बोले जब तक जनपद नहीं चमकेगा, तब तक विश्राम नहीं करूंगा

 

● श्रीराम कथा के मंच से परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने लिया ऐतिहासिक संकल्प

● बलिया के विकास का कार्य अधूरा नहीं छोड़ूंगा, राम कार्य की तरह मिशन पूरा करूंगा

● वर्ष 2027 तक जिले की सभी विकास परियोजनाओं को धरातल पर उतारने का वादा

● मेडिकल कॉलेज, जेल और मेला मैदान को मिलेगा नया स्वरूप

● जरूरत पड़ी तो गाड़ी में ही सो लूंगा, पर विकास कार्य अधूरा नहीं छोड़ूंगा

● अफसरशाही में जागी जवाबदेही की भावना

● बलिया को पूर्वांचल का विकास मॉडल बनाने की दिशा में बड़ा कदम

● हनुमान भाव से प्रेरित संकल्प बना जनता के मनोबल का प्रतीक

 

◆ कंचन सिंह

 

बलिया जनपद का नाम केवल एक भौगोलिक सीमा नहीं, बल्कि संघर्ष, बलिदान और आत्मगौरव की पहचान है। यह वही धरती है जहां 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जनता ने अंग्रेजी हुकूमत की जंजीरों को तोड़ स्वराज का झंडा बुलंद किया था। चतुर्भुज तिवारी, मंगल पांडे और चित्तू पांडे जैसे अमर सेनानियों की यह भूमि हमेशा से जनशक्ति का प्रतीक रही है। स्वतंत्रता की लड़ाई में बलिया ने जो भूमिका निभाई, वही अब विकास की लड़ाई में निभाने का समय आ गया है। यही संदेश श्रीराम कथा के मंच से गूंजा, जब परिवहन मंत्री और भाजपा विधायक दयाशंकर सिंह ने घोषणा की कि जब तक बलिया का सम्पूर्ण विकास नहीं कर दूं, तब तक विश्राम नहीं करूंगा। सभा स्थल पर उस क्षण वातावरण श्रद्धा और संकल्प से भर गया। यह कोई साधारण घोषणा नहीं थी, बल्कि उस ऐतिहासिक परंपरा की पुष्टि थी, जिसमें बलिया ने हमेशा कहा है कि हम रुकेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं। दयाशंकर सिंह ने अपनी बात को भगवान हनुमान के ‘राम कार्य’ से जोड़ा और कहा कि जिस तरह हनुमान ने प्रभु श्रीराम का कार्य पूर्ण किए बिना विश्राम नहीं किया, वैसे ही वे भी बलिया के विकास कार्यों को अधूरा नहीं छोड़ेंगे। मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ी तो गाड़ी में ही सो लूंगा, पर बलिया को विकास के शिखर तक पहुंचाकर ही चैन लूंगा। यह वक्तव्य केवल एक मंत्री का नहीं, बल्कि बलिया की उस जिजीविषा का प्रतीक है जो स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक हर चुनौती को अवसर में बदलने का साहस रखती है। श्रीराम कथा का मंच उस दिन केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि “विकास की नई क्रांति” का प्रतीक बन गया। जहां धर्म और कर्म, भावना और प्रतिबद्धता एक सूत्र में बंधे दिखाई दिए। सभा में उपस्थित हर व्यक्ति ने उस क्षण को एक प्रेरणा के रूप में महसूस किया। मंत्री के स्वर में दृढ़ता थी, और जनता की आंखों में उम्मीद।

श्रीराम कथा में ‘विकास व्रत’ की घोषणा

श्रीराम कथा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि जनसंवाद का मंच बन गया। कथा के दौरान जब मंत्री मंच पर आए, तो वातावरण भावनाओं से भर गया।
उन्होंने कहा कि मैं अपने गुरु और जनता के सामने वचन देता हूं कि बलिया को विकास के शिखर तक पहुंचाए बिना विश्राम नहीं करूंगा। दयाशंकर सिंह ने स्वयं को ‘राम कार्य’ में रत हनुमान से जोड़ा और कहा कि जैसे प्रभु के कार्य पूर्ण होने से पहले हनुमान नहीं रुके, वैसे ही वे भी बलिया के हर कोने को विकसित देखे बिना चैन नहीं लेंगे।

बलिया का विकास अतीत से वर्तमान की यात्रा

बलिया हमेशा से संघर्ष और संकल्प की धरती रही है। स्वतंत्रता आंदोलन में यहां के वीरों ने देश को दिशा दी, अब विकास आंदोलन की बारी है। पिछले वर्षों में जिले में सड़कों का चौड़ीकरण, पुलों का निर्माण, परिवहन व्यवस्था का विस्तार और नगरीय सौंदर्यीकरण परियोजनाएं शुरू हुई हैं। मंत्री का कहना है कि अब लक्ष्य है इन योजनाओं को समयबद्ध और पारदर्शी रूप में पूरा करना। उन्होंने कहा कि विकास की कहानी केवल कागज पर नहीं, धरातल पर दिखेगी।

वर्ष 2027 तक की योजना वादे नहीं, कार्य का रोड मैप

दयाशंकर सिंह ने स्पष्ट घोषणा की कि वर्ष 2027 तक जिले में घोषित सभी विकास परियोजनाएं पूरी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह कोई चुनावी घोषणा नहीं, बल्कि व्यक्तिगत प्रतिज्ञा है। बलिया मेडिकल कॉलेज, आधुनिक जिला जेल, ददरी मेला मैदान सुधार, परिवहन और सड़क नेटवर्क विस्तार, नगर क्षेत्र में स्वच्छता मिशन, जल निकासी और सीवरेज योजना, ग्रामीण कनेक्टिविटी परियोजनाएं शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि मेरा हर दिन, हर क्षण इस कार्य के लिए समर्पित है।

मेडिकल कॉलेज स्वास्थ्य और शिक्षा का संगम

बलिया का मेडिकल कॉलेज मंत्री की प्राथमिकता में शीर्ष पर है। यह परियोजना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करेगी बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार और मेडिकल शिक्षा के अवसर भी देगी। दयाशंकर सिंह ने कहा कि पूर्वांचल का कोई मरीज अब इलाज के लिए बाहर नहीं जाएगा। बलिया जनपद स्वास्थ्य सेवाओं का नया केंद्र बनेगा। वर्तमान में कॉलेज का निर्माण तेजी से चल रहा है और वर्ष 2026 तक इसके संचालन की तैयारी है।

ददरी मेला मैदान कीचड़ से चमक तक की यात्रा

ददरी मेला बलिया की पहचान है, लेकिन हर वर्ष कीचड़ और अव्यवस्था इसकी गरिमा को चोट पहुंचाती रही है।
मंत्री ने कहा कि ददरी मेला हमारी परंपरा है, इसे कीचड़ नहीं, चमक से जोड़ना है। मैदान का पुनर्विकास मेरा वचन है। योजना के तहत मैदान में ड्रेनेज सिस्टम, सड़क निर्माण, लाइटिंग व्यवस्था, और स्थाई मंच का निर्माण कराया जाएगा। मंत्री ने अधिकारियों को चेताया कि मेले में एक भी आगंतुक की चप्पल कीचड़ में न धंसे यही मेरा लक्ष्य है।

आधुनिक जिला जेल सुधार और सुरक्षा का प्रतीक

बलिया की पुरानी जेल अब भी औपनिवेशिक दौर की छाया में है। दयाशंकर सिंह ने कहा कि जेल केवल सजा का स्थान नहीं, सुधार का केंद्र होना चाहिए। इसलिए एक आधुनिक, सुरक्षित और मानवाधिकार-सम्मत जिला जेल बनाने की योजना है। जेल में शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और परामर्श केंद्र भी होंगे, ताकि कैदी रिहाई के बाद समाज में पुनः सम्मानजनक जीवन जी सकें।

प्रशासनिक जवाबदेही और जनता से संवाद

मंत्री ने अधिकारियों के साथ कई बैठकें कर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब कार्य की गति ही पहचान होगी। जो अधिकारी काम करेगा, वही सम्मान पाएगा, जो फाइल दबाएगा, वह जनता के सामने जवाब देगा। कहा कि हर 15 दिन पर विकास कार्यों की समीक्षा होगी और जनता को इसकी रिपोर्ट दी जाएगी। बलिया की जनता भी इस नई पारदर्शी कार्यशैली से उत्साहित है।

शहर और ग्रामीण इलाकों में मंत्री के संकल्प की चर्चा

रतनपुर निवासी किसान का कहना है कि हमने कई नेता देखे, पर किसी ने मंच से ऐसा वचन नहीं लिया। अगर दयाशंकर सिंह अपने वचन पर टिके रहे, तो बलिया बदल जाएगा।

‘हनुमान भाव’ और विकास राजनीति का नया अध्याय

दयाशंकर सिंह का यह कथन कि जरूरत पड़ी तो गाड़ी में ही सो लूंगा, लेकिन विकास कार्य अधूरा नहीं छोड़ूंगा केवल संवाद नहीं, एक संस्कृति बन गया है। बलिया की गलियों से लेकर पंचायतों तक यह पंक्ति चर्चा में है। धार्मिक भावना के साथ विकास का यह संयोजन, जनता को यह संदेश देता है कि राजनीति सेवा का माध्यम है, सत्ता का साधन नहीं। हनुमान भाव का यह उदाहरण अब नेतृत्व का नया आदर्श बन रहा है। मंत्री के इस संकल्प की गूंज अब पूरे पूर्वांचल में है। दयाशंकर सिंह ने दिखाया है कि यदि इच्छा सच्ची हो और नीयत पारदर्शी, तो विकास कोई कल्पना नहीं, एक प्रतिज्ञा बन सकता है।

* बलिया की ऐतिहासिक चेतना स्वतंत्रता संग्राम की धरती पर अब विकास का नया आंदोलन।
* परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का संकल्प जब तक बलिया नहीं चमकेगा, तब तक विश्राम नहीं करूंगा।
* हनुमान भाव से प्रेरित मंत्री का वचन राम कार्य की तरह बलिया कार्य भी पूरा करूंगा।
* वर्ष 2027 तक विकास का रोड मैप जिले की सभी प्रमुख परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य।
* बलिया मेडिकल कॉलेज स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल शिक्षा का बड़ा केंद्र बनेगा।
* ददरी मेला मैदान का कायाकल्प कीचड़ नहीं, चमक से जुड़ेगी बलिया की परंपरा।
* आधुनिक जिला जेल निर्माण सजा नहीं, सुधार और पुनर्वास की दिशा में पहल।
* अफसरशाही में जवाबदेही की नई परिभाषा हर 15 दिन में विकास कार्यों की समीक्षा अनिवार्य।
* जनता से संवाद और पारदर्शिता मंत्री का सीधा जुड़ाव बना भरोसे का आधार।
* जनता में उत्साह पहली बार मंच से ‘विकास व्रत’ का सार्वजनिक वचन।
* जरूरत पड़ी तो गाड़ी में ही सो लूंगा दयाशंकर सिंह की कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक बना संवाद।
* धर्म और कर्म के संगम से सेवा की नई संस्कृति की शुरुआत
* बलिया जिले को प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ विकास उदाहरणों में शामिल करने का लक्ष्य।
* संघर्ष की धरती से संकल्प की भूमि तक बलिया की विरासत अब विकास की दिशा तय करेगी।
* जनता का विश्वास और मंत्री का व्रत यह साझेदारी बलिया को बदलेगी।

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