मोटरसाइकिल से सीपी मोहित अग्रवाल ने किया शहर का निरीक्षण, गुड पुलिसिंग का है ये लक्षण
काशी की सुरक्षा में समर्पण का दीप पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने धनतेरस पर बाइक से परखी व्यवस्था

● मोटरसाइकिल से सीपी मोहित अग्रवाल ने किया शहर का निरीक्षण
● भीड़भाड़ वाले बाजारों में शांति, अनुशासन और सुरक्षा का सुंदर संगम
● बाइक पर सवार पुलिस आयुक्त ने खुद परखी सुरक्षा व्यवस्था, शहर में विश्वास का माहौल
● 5 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती, एक हजार से अधिक यातायात जवानों ने संभाला मोर्चा
● मिशन शक्ति और सोशल मीडिया सेल सक्रिय, महिला व डिजिटल सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान
● काशी के त्योहारों में प्रशासनिक समर्पण का नया मानक, ‘ऑपरेशन चक्रव्यूह’ का असर दिखा
● काशी की परंपरा और सुरक्षा का संगम
◆ पँचशील अमित मौर्या
वाराणसी। काशी की गलियों में जब दीपक झिलमिलाने लगते हैं, तो यह सिर्फ रौशनी का त्योहार नहीं बल्कि आस्था और विश्वास की भी परंपरा होती है। इसी परंपरा को जीवंत रखने के लिए इस बार पुलिस ने भी अपनी भूमिका उसी समर्पण के साथ निभाई, जैसे कोई साधक अपनी साधना करता है। 18 अक्टूबर शनिवार धनतेरस के दिन वाराणसी पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल खुद बाइक पर सवार होकर शहर के हर उस कोने तक पहुंचे जहां भीड़ थी, रौनक थी, और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी। काशी की भीड़भाड़ वाली गलियों में पुलिस की मौजूदगी ने न सिर्फ सुरक्षा का भरोसा बढ़ाया, बल्कि त्योहार की खुशियों को निश्चिंत होकर मनाने का माहौल भी बनाया।
त्यौहार में तैनाती का संकल्प 5 हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी
वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस फोर्स ने इस बार धनतेरस पर सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व व्यवस्था की। करीब 5 हजार पुलिसकर्मी शहर के हर हिस्से में तैनात रहे। इनमें एक हजार से अधिक यातायात पुलिसकर्मी शामिल थे, जिन्होंने गलियों, मुख्य सड़कों और पार्किंग स्थलों पर हर मिनट की गतिविधि पर नजर रखी।
भीड़ के चरम समय में राजा बाजार, लहुराबीर, चेतगंज, चौकाघाट, मलदहिया, मिंट हाउस, नदेसर व भेलूपुर सर्किल में पुलिस की मौजूदगी ने वातावरण को संतुलित बनाए रखा। दशाश्वमेध घाट और अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन को उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और पीएसी की टीमों ने विशेष मोर्चा संभाला।
बाइक से निगरानी जनता से सीधा संवाद
शहर की सुरक्षा का जायजा लेने के लिए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बाइक से भ्रमण किया। नदेसर से लेकर चेतगंज तक उन्होंने मुख्य मार्गों और गलियों का निरीक्षण किया। सड़क किनारे खड़े होकर उन्होंने सर्राफा दुकानों, मिठाई दुकानों और बाजारों में खरीदारी कर रहे लोगों से बातचीत की। उन्होंने लोगों को यातायात नियमों के पालन की अपील करते हुए कहा कि काशी का त्यौहार सुरक्षित तभी है जब काशी का हर नागरिक अनुशासन में रहे। आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है, और आपका सहयोग हमारा बल है। उनके संवाद ने पुलिस और नागरिकों के बीच भरोसे की वह कड़ी जोड़ी, जिसकी झलक बाजार में महसूस की गई।
संवेदनशील बाजारों में फुलप्रूफ इंतजाम, नो एंट्री और रूट डायवर्जन लागू
एडीसीपी ट्रैफिक अंशुमान मिश्रा की देखरेख में शहर में रूट डायवर्जन की योजना लागू की गई। भीड़ बढ़ने पर कई सर्किलों में बाहरी वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई। दोपहिया वाहनों को स्थानीय आवागमन की छूट दी गई, ताकि गलियों में रहने वाले नागरिकों को दिक्कत न हो।
पुलिस की इस लचीली व्यवस्था ने कठोरता नहीं, सहयोग का उदाहरण पेश किया। नो-पार्किंग जोन पर विशेष ध्यान दिया गया, और मुख्य मार्गों को लगातार क्लीयर रखा गया ताकि एम्बुलेंस, दमकल और जरूरी सेवाओं की आवाजाही में कोई बाधा न आए।
अग्निशमन दल और मिशन शक्ति की टीमें मुस्तैद
धनतेरस जैसे अवसर पर सबसे बड़ी चिंता पटाखा बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में आग से सुरक्षा की होती है। इसीलिए अग्निशमन विभाग की टीमें धौसाबाद, लहुराबीर, चेतगंज और चौकाघाट जैसे प्रमुख क्षेत्रों में तैनात रहीं। बाजारों में अग्निशमन वाहन लगातार पेट्रोलिंग करते रहे ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सके। महिला सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति टीमों को विशेष रूप से सक्रिय किया गया। उन्होंने भीड़भाड़ वाले बाजारों में पैदल गश्त की, महिला ग्राहकों से संवाद किया और शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करने का भरोसा दिया। सोशल मीडिया सेल की टीमें भी चौकन्नी रहीं।
त्यौहार की चमक में अनुशासन की आभा
काशी के लोगों ने इस बार पुलिस के सहयोग से सुरक्षा व्यवस्था को न केवल स्वीकार किया बल्कि उसमें सहभागिता भी दिखाई। भीड़ वाले इलाकों में वाहन धीरे चलाने, गलत दिशा में न जाने और नो-पार्किंग जोन का पालन करने जैसी चीज़ें आम लोगों ने भी बखूबी निभाईं। सोने-चांदी की दुकानों पर ग्राहक कतार में खड़े होकर खरीदारी करते दिखे, जिससे अफरा-तफरी की स्थिति नहीं बनी। पुलिस आयुक्त ने कहा कि काशी की जनता जागरूक है, अनुशासित है। जब जनता और पुलिस साथ चलते हैं, तो त्यौहार सिर्फ सुरक्षित नहीं बल्कि प्रेरणादायी बन जाता है।
- पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बाइक से शहर की सुरक्षा व्यवस्था परखी
- एक हजार से ज्यादा यातायात कर्मी मुख्य मार्गों और गलियों में मुस्तैद
- संवेदनशील इलाकों में रूट डायवर्जन और नो एंट्री लागू
- मिशन शक्ति टीमों ने बाजारों में सक्रिय गश्त की
- अग्निशमन विभाग और सोशल मीडिया सेल रहे सतर्क
- ऑपरेशन चक्रव्यूह से जाम और अतिक्रमण पर नियंत्रण
- जनता का अनुशासन और सहयोग बना सुरक्षा का मुख्य आधार