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वीडीए के सचिव वेद प्रकाश का सख्त दिशा निर्देश,प्राधिकरण के किसी भी कार्य को न रखे शेष

 

  • वीडीए ने दिखाई कार्यकुशलता, शमन मानचित्रों का निस्तारण व राजस्व संग्रह पर जोर
  • सचिव डॉ.वेद प्रकाश मिश्रा की अध्यक्षता में जोन-3, 4 व 5 की प्रगति समीक्षा
  • अगस्त माह सहित विगत तीन माह की प्रगति रिपोर्ट पर हुई गहन चर्चा
  • शमन मानचित्रों की स्वीकृति व शमन शुल्क की वसूली का किया गया मूल्यांकन
  • आईजीआरएस व सीएमएस पोर्टल पर लंबित शिकायतों पर विशेष जोर
  • अवैध प्लाटिंग व अनाधिकृत फिलिंग स्टेशनों पर कार्यवाही के निर्देश
  • जोन-5 में राजस्व लक्ष्य अधूरा रहने पर नाराजगी
  • सभी जोनों को सितम्बर माह में बड़े मानचित्रों की स्वीकृति का लक्ष्य
  • पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्ध कार्य निष्पादन पर सचिव ने दिया बल

आशुतोष शर्मा 

वाराणसी। वीडीए ने शहर के नियोजित विकास, पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक और ठोस कदम आगे बढ़ाया है। सचिव डॉ.वेद प्रकाश मिश्रा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में जोन-3, जोन-4 और जोन-5 की एक माह की प्रगति रिपोर्ट और विगत तीन माह के कार्यों का गहन मूल्यांकन किया गया। बैठक में न केवल शमन मानचित्रों की स्वीकृति और शुल्क वसूली पर चर्चा हुई, बल्कि आम नागरिकों की शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण और अवैध निर्माणों पर प्रभावी कार्यवाही को भी प्राथमिकता दी गई।

बैठक का उद्देश्य व एजेंडा

बैठक का मुख्य उद्देश्य शहर के विभिन्न जोनों में चल रहे विकास कार्यों, राजस्व संग्रह, शमन मानचित्रों की स्वीकृति और अवैध निर्माणों पर अंकुश की स्थिति की समीक्षा करना था। सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा ने अधिकारियों से पूर्व में दिए गए निर्देशों के अनुपालन और प्रगति की विस्तृत जानकारी ली।

अधिकारियों की सहभागिता

समीक्षा बैठक में जोन-3 के जोनल अधिकारी सौरभ देव प्रजापति एवं अवर अभियंता रविन्द्र प्रकाश, जोन-4 के जोनल अधिकारी संजीव कुमार एवं अवर अभियंता आदर्श निराला व सोनू कुमार, जोन-5 के जोनल अधिकारी प्रकाश कुमार एवं अवर अभियंता राजू कुमार के साथ-साथ मुख्य भवन लिपिक, विन्यास लिपिक और अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।

शमन मानचित्रों की स्थिति

बैठक में यह तथ्य सामने आया कि आलोच्य अवधि (1 अगस्त से 31 अगस्त 2025) में कुल 10 मानचित्र स्वीकृत हुए, जिनमें जोन-3 में 8, जोन-4 में 1 और जोन-5 में 1 शामिल है। सचिव ने इसे संतोषजनक माना, लेकिन साथ ही निर्देश दिया कि अगले महीने से स्वीकृति की संख्या को बढ़ाया जाए और हर जोन से कम से कम 10 बड़े मानचित्र स्वीकृत किए जाएं।

राजस्व संग्रह की समीक्षा

शमन शुल्क के तहत जोन-3, 4 और 5 से कुल ₹3,34,73,850 की धनराशि प्राधिकरण कोष में जमा की गई। हालांकि, यह राशि निर्धारित लक्ष्य से कम रही, जिस पर सचिव ने नाराजगी जाहिर की। विशेष रूप से जोन-5 का प्रदर्शन सबसे कमजोर पाया गया।

आईजीआरएस और सीएमएस शिकायतों पर जोर

बैठक में आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त जन शिकायतों और सीएमएस पोर्टल पर लंबित प्रकरणों की समीक्षा की गई। सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिया कि अवर अभियंता स्वयं शिकायतकर्ताओं से बातचीत कर संतोषजनक समाधान सुनिश्चित करें। इससे पारदर्शिता और जनता का विश्वास दोनों बढ़ेंगे।

अवैध प्लाटिंग और फिलिंग स्टेशन पर कार्यवाही

बैठक में यह भी चर्चा हुई कि अवैध प्लाटिंग और अनाधिकृत रूप से संचालित पेट्रोल, डीजल और सीएनजी फिलिंग स्टेशनों पर तत्काल कार्यवाही की जाए। सचिव ने कहा कि अवैध प्लाटिंग की शुरुआत में ही प्रभावी कार्रवाई की जाए ताकि आमजन को नुकसान से बचाया जा सके और अनियोजित विकास पर अंकुश लगाया जा सके।

सितम्बर माह की कार्ययोजना

सचिव ने सभी जोनों को सितम्बर माह के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाने और उस पर गंभीरता से अमल करने का निर्देश दिया। हर जोन को बड़े शमन मानचित्र स्वीकृत करने, राजस्व लक्ष्य हासिल करने और लंबित शिकायतों का निस्तारण सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

पारदर्शिता और जवाबदेही

बैठक का सबसे सकारात्मक पहलू यह रहा कि सचिव ने कार्यप्रणाली को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि विकास कार्यों में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों को जनता से सीधे संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने पर विशेष बल दिया गया।

* जोन-3, 4 और 5 की प्रगति रिपोर्ट की हुई समीक्षा
* 1 माह और 3 माह की उपलब्धियों का किया गया मूल्यांकन
* जोन-3 में 8, जोन-4 में 1, जोन-5 में 1 मानचित्र स्वीकृत
* शमन शुल्क के रूप में ₹3,34,73,850 प्राधिकरण कोष में जमा
* राजस्व लक्ष्य अधूरा रहने पर सचिव की नाराजगी
* आईजीआरएस और सीएमएस शिकायतों पर समयबद्ध निस्तारण के निर्देश
* अवैध प्लाटिंग और अनाधिकृत फिलिंग स्टेशनों पर सख्त कार्यवाही का आदेश
* सितम्बर माह में हर जोन से बड़े मानचित्र स्वीकृत करने का लक्ष्य
* पारदर्शिता, जवाबदेही और जनसंतोष को प्राथमिकता देने का संकल्प

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