अवैध निर्माण सील करने गए वीडीए कर्मियों को बनाया बंधक

सील लिखे शब्द को मिटाने और कैंट पुलिस के पहुंचने के बाद कर्मचारियों को छोड़ा
वाराणसी। अर्दली बाजार में अवैध निर्माण सील करने गए वाराणसी विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता समेत आधा दर्जन कर्मचारियों को भवन स्वामी ने बंधक बना लिया। सील मकान का पट्टा हटाने और वीडीए से सील लिखे शब्द को मिटाने और कैंट पुलिस के पहुंचने के बाद उन्हें छोड़ा।एक घंटे तक लबे सड़क ड्रामा होता रहा लेकिन कोई मामले को सुलझाने नहीं गया। हालत यह है कि वीडीए कार्यालय से भी कोई उच्च अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। वीडीए कर्मी वहां से किसी तरह निकलने का प्रयास कर रहे थे लेकिन भवन स्वामी उन्हें जाने नहीं दे रहे थे। एसीपी कैंट नितिन तनेजा और कैंट थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा के निर्देश पर अर्दली बाजार पुलिस चौकी के पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे और बंधक कर्मचारियों को मुक्त कराया।अर्दली बाजार तिराहे से महावीर मंदिर मार्ग पर मनोज पांडेय वीडीए से बिना नक्शा पास कराए निर्माण कर रहे थे। अवैध निर्माण पर वीडीए ने आठ नवंबर-2024 को नोटिस जारी कर काम बंद करने को कहा था लेकिन निर्माण बंद नहीं हुआ। 10 मई और एक सितंबर को वीडीए ने नोटिस जारी करते हुए भवन स्वामी को नक्शा दाखिल करने को कहा लेकिन भवन स्वामी नहीं पहुंचा।जोन एक के जोनल अधिकारी शिवाजी मिश्रा ने अवैध निर्माण को सील करने का आदेश जारी करते हुए अवर अभियंता रोहित कुमार के साथ सुपरवाइजर लाल बहादुर पटेल, अंकित तिवारी, रोहित पांडेय, होमगार्ड सुभाष मिश्रा संग अन्य कर्मी को भेजा। टीम ने मकान को पट्टे से सील करने के साथ दीवाल पर लिख दिया कि ये मकान सील है। इस बीच मनोज पांडेय के परिवार के लोग पहुंच गए और सभी को घेर लिया। कहा कि जब तक सील पट्टा और लिखा हुआ नहीं मिटाएंगे तब तक जाने नहीं देंगे। विवश होकर टीम ने सील मकान का पट्टा उतारा।इस बीच कर्मचारी लगातार अपने उच्च अधिकारियों को मोबाइल पर काल करते रहे लेकिन मौके पर कोई नहीं पहुंचा। सिर्फ जल्द पहुंचने का आश्वासन देते र रहे। इस बीच कर्मचारियों के साथ लोग गाली-गलौज और धक्का-मुक्की करते रहे जिससे कर्मचारी डर गए। कैंट थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा का कहना है कि वीडीए की ओर से तहरीर मिलने पर आरोपितों पर दर्ज किया जाएगा। इस बारे में जोनल अधिकारी शिवाजी मिश्रा का कहना है कि घटना से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।