पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने ट्रैफिक व्यवस्था का खुद लिया जायजा, सबको समझाया नियम कानून कायदा
पँचशील अमित मौर्य

◆ पुलिस आयुक्त की पैदल गश्त से बढ़ा भरोसा
◆ ऑपरेशन ‘चक्रव्यूह’ की कार्रवाई से शहर को मिला अनुशासन का संदेश
◆ जनता के बीच पुलिस काशी में सुरक्षा और अनुशासन का नया अध्याय
◆ त्यौहारों से पहले पुलिस की सड़कों पर मौजूदगी ने बढ़ाया भरोसा
◆ ऑपरेशन चक्रव्यूह नियम तोड़ने वालों पर तत्काल कार्रवाई
◆ अतिक्रमण पर जीरो टॉलरेंस, 12 वाहन मौके पर सीज
◆ नया ट्रैफिक प्लान तैयार, भीड़भाड़ वाले इलाकों में विशेष नियंत्रण
◆ जनता से संवाद, गश्त की नियमितता और अपराध पर अंकुश का संकल्प
वाराणसी। शहर की सड़कों पर 16 अक्टूबर 2025 की शाम एक अलग ही नजारा था। भीड़भाड़ वाले रविदास गेट से लेकर मालवीय चौराहा तक पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल खुद पैदल मार्च करते नजर आए। त्यौहारों से पहले जब शहर की रफ्तार तेज हो रही थी, उसी समय पुलिस ने ऑपरेशन चक्रव्यूह के तहत यातायात व्यवस्था को मजबूत करने, अतिक्रमण पर लगाम लगाने और कानून पालन को सख्ती से लागू करने का जिम्मा अपने हाथों में लिया। इस अभियान के दौरान जहां 12 वाहन सीज किए गए, वहीं ट्रैफिक अनुशासन और जनसहभागिता के नए मानक भी स्थापित हुए।
● त्यौहारों से पहले पुलिस कमिश्नर का सड़क पर उतरना जनता के बीच भरोसे का संदेश।
● ऑपरेशन चक्रव्यूह के तहत 12 वाहन सीज, दर्जनों पर चालान।
● ट्रैफिक अनुशासन, अतिक्रमण हटाओ अभियान और वन-वे व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश।
● नागरिक, दुकानदारों, व्यापारियों से सीधा संवाद।
● पुलिस गश्त से शहर में अनुशासन सुरक्षा और सुगमता का संगम।
अनुशासन और सुरक्षा का संगम
पुलिस ने इस बार त्यौहारों की भीड़ और धार्मिक आयोजनों को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन चक्रव्यूह को मैदान में उतारा है। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने स्वयं शहर की सड़कों पर उतरकर इसकी शुरुआत की। रविदास गेट से मालवीय चौराहा तक करीब तीन किलोमीटर लंबी पैदल गश्त में पुलिस उपायुक्त (काशी जोन) गौरव वंशवाल, अपर पुलिस उपायुक्त (यातायात) अंशुमान मिश्रा, सहायक पुलिस आयुक्त (भेलूपुर) गौरव कुमार और तमाम थाना प्रभारी शामिल रहे। गश्त के दौरान पुलिस ने जहां यातायात व्यवस्था का मौके पर निरीक्षण किया, वहीं उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर 12 वाहनों को सीज किया गया। इनमें बिना पंजीयन वाले, गलत नंबर प्लेट लगाने वाले, तीन सवारी बैठाने वाले और स्टंटबाजी करने वाले वाहन चालक शामिल थे।
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ऑपरेशन चक्रव्यूह अव्यवस्था पर कसा शिकंजा
ऑपरेशन चक्रव्यूह दरअसल सिर्फ ट्रैफिक चेकिंग अभियान नहीं है। यह एक व्यवस्थित यातायात नियंत्रण प्रणाली की ओर बढ़ाया गया कदम है। इस अभियान के तहत सभी थाना क्षेत्रों में प्रमुख चौराहों, बाजारों और संवेदनशील इलाकों में पुलिस की सक्रिय उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है। वाहनों की रैंडम चेकिंग, अवैध पार्किंग पर कार्रवाई और नो-पार्किंग जोन में खड़े वाहनों के खिलाफ तत्काल चालान जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस आयुक्त ने निर्देश दिया है कि यह कार्रवाई केवल त्योहारों तक सीमित न रहे, बल्कि इसे स्थायी अनुशासन अभियान के रूप में आगे बढ़ाया जाए।
अतिक्रमण पर जीरो टॉलरेंस सड़क और फुटपाथ जनता के लिए
निरीक्षण के दौरान पुलिस आयुक्त ने सड़क किनारे किए गए अवैध अतिक्रमण पर विशेष रूप से नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि कोई भी दुकानदार, ठेला चालक या वाहन मालिक सड़क के उपयोग के अधिकार का दुरुपयोग न करे। नगर निगम और अन्य विभागों को इसमें सहयोग करने के लिए कहा गया। जिससे सड़कों पर पैदल चलने वालों व यातायात की सुगमता सुनिश्चित की जा सके। अतिक्रमण करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई और लगातार निगरानी की व्यवस्था बनाने के निर्देश भी दिए गए।
यातायात के नए मानक स्मार्ट सिटी के अनुरूप ट्रैफिक प्लान
पुलिस आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में नया ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाए। जिसमें प्रमुख मार्गों पर वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू करना, नो-पार्किंग जोन को स्पष्ट रूप से चिह्नित करना, वैकल्पिक मार्गों और पार्किंग स्थलों का निर्धारण, धार्मिक आयोजनों या पर्व-त्योहारों के दौरान फ्लेक्सिबल ट्रैफिक प्लान तैयार करना जिससे त्यौहारों के दौरान यातायात जाम और भीड़भाड़ की समस्या को कम किया जा सके।
जनता से संवाद पुलिसिंग का मानवीय चेहरा
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने इस दौरान न केवल सड़कों पर गश्त की, बल्कि दुकानदारों, व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों से संवाद भी स्थापित किया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे यातायात नियमों का पालन करें और अपने आसपास स्वच्छता व अनुशासन बनाए रखें। इस दौरान कई नागरिकों ने भी पुलिस की इस पहल की सराहना की। रविदास गेट के एक दुकानदार ने कहा कि पहली बार देखा कि पुलिस कमिश्नर खुद सड़क पर उतरे हैं। इससे लगता है कि प्रशासन हमारी सुरक्षा और सुविधा को लेकर गंभीर है।
पैदल गश्त की नियमितता पर जोर
पुलिस कमिश्नर ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि पैदल गश्त को दैनिक कार्य योजना का हिस्सा बनाया जाए। इससे जहां नागरिकों से सीधा संवाद बढ़ेगा, वहीं अपराध पर भी नियंत्रण में मदद मिलेगी। रात के समय गश्त बढ़ाने, संवेदनशील स्थानों पर पीआरवी की मौजूदगी सुनिश्चित करने और ट्रैफिक पुलिस के साथ समन्वय स्थापित करने के आदेश भी दिए गए हैं। पुलिस आयुक्त ने कहा कि सुगम यातायात और सुरक्षित शहर केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सभी नागरिकों की सामूहिक जिम्मेदारी है। नगर निगम, परिवहन विभाग, जिला प्रशासन और स्थानीय व्यापारी संगठन सभी को मिलकर इस दिशा में योगदान देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वाराणसी में पुलिस व्यवस्था अब दृश्य और संवादात्मक पुलिसिंग की दिशा में आगे बढ़ रही है, ताकि आमजन को सुरक्षा का एहसास हो।
अपराध पर अंकुश पुलिस की प्रभावी भूमिका
सड़क पर पुलिस की उपस्थिति अपराध की प्रवृत्ति को भी रोकने में मदद कर रही है। चोरी, छेड़खानी, जेबकतरी जैसे छोटे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए यह पहल कारगर मानी जा रही है। शहर के कई इलाकों में जहां पहले शाम ढलते ही अफरा-तफरी का माहौल होता था, वहां अब नागरिक खुलकर पुलिस की सराहना कर रहे हैं।
अनुशासन, सहयोग और विश्वास का संगम
ऑपरेशन चक्रव्यूह केवल एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं बल्कि वाराणसी पुलिस की जन-केंद्रित कार्यसंस्कृति का संकेत है। त्यौहारों के दौरान जब पूरा शहर उमंग में होता है, उस समय व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं। लेकिन पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के नेतृत्व में यह साबित हुआ कि यदि प्रशासन जनता के बीच उतर जाए, तो अव्यवस्था की जगह विश्वास और अनुशासन जन्म लेता है।