वाराणसी

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल अवैध पटाखों की बिक्री पर बेहद सख्त, कर देंगे सबकी हालत पस्त

अवैध पटाखों पर पुलिस का बड़ा अभियान, काशी सुरक्षित दीपावली की ओर

 

~ कानपुर हादसे के बाद वाराणसी में पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल का सख्त निर्देश

~ अवैध पटाखों से हादसा हुआ तो थाना प्रभारी होंगे जवाबदेह

~ शहर में बनीं विशेष टीमें, छापेमारी से अवैध पटाखों के कारोबारियों में हड़कंप

~ दालमंडी बाजार पर पुलिस की विशेष नजर, व्यापारियों को किया सचेत

~ काशी की गलियों में लौटेगी सुरक्षित रोशनी और विश्वास

~ सुरक्षा और संस्कृति के संगम पर खड़ी है वाराणसी पुलिस

~ अवैध कारोबारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई का दौर जारी

~ जनजागरूकता के जरिए प्रशासन ने शुरू की सुरक्षित दीपावली मुहिम

 

◆ आशुतोष शर्मा

 

वाराणसी। काशी की पहचान सिर्फ आरती, घाट और गंगा से नहीं, बल्कि दीपावली की जगमगाती रोशनी से भी जुड़ी है। हर साल लाखों दीये जब घाटों पर टिमटिमाते हैं, तो पूरा नगर उजाला और उम्मीद से भर उठता है। इसी परंपरा और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए अब वाराणसी पुलिस पूरी तरह सतर्क हो गई है। कानपुर में अवैध पटाखों के गोदाम में हुए भीषण विस्फोट के बाद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने पूरे जनपद में विशेष अभियान का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि काशी में दीपावली की रोशनी सुरक्षित रहनी चाहिए, कोई भी हादसा इस परंपरा को कलंकित न करने पाए।

थाना स्तर पर जिम्मेदारी तय होगी

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने एक उच्चस्तरीय बैठक में सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि अगर किसी क्षेत्र में अवैध पटाखों से हादसा होता है, तो उसकी जिम्मेदारी सीधे उस क्षेत्र के प्रभारी की मानी जाएगी। कहा कि दीपावली और बारातों के मौसम में हर साल पटाखों के अवैध कारोबार से बड़ी घटनाएं होती हैं।
इसे रोकना पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है। प्रत्येक थाना क्षेत्र में अब संवेदनशील स्थानों की सूची तैयार की जा रही है और वहां लगातार निगरानी रखी जाएगी।

टीमों का गठन, सघन अभियान की शुरुआत

पुलिस ने अवैध पटाखों की रोकथाम के लिए शहर के सभी जोन में विशेष टीमें गठित की हैं। इनमें स्थानीय थानों के अलावा क्राइम ब्रांच और एंटी-क्राइम यूनिट के अधिकारी भी शामिल किए गए हैं। ये टीमें पटाखा गोदामों, दुकानों और संदिग्ध भंडारण स्थलों पर लगातार छापेमारी कर रही हैं। अभियान का मकसद न सिर्फ अवैध बिक्री को रोकना है, बल्कि उन छिपे हुए गोदामों को भी चिन्हित करना है, जो आम तौर पर घनी बस्तियों में किराए के मकानों में संचालित होते हैं।

सबसे संवेदनशील क्षेत्र दालमंडी, जहां बिकते हैं सबसे ज्यादा पटाखे

वाराणसी का दालमंडी बाजार, जो पुराने शहर का सबसे घना और व्यावसायिक इलाका है, हर साल दीपावली से पहले पटाखों के अस्थाई बाजार में बदल जाता है। यहां तंग गलियों में कपड़ा, मिठाई, खिलौनों के साथ-साथ पटाखे भी बिकते हैं। हालांकि इस बार पुलिस ने यहां विशेष ध्यान केंद्रित किया है। चौक पुलिस और लहुराबीर थाने की टीमों ने छापेमारी कर अवैध पटाखों का बड़ा जखीरा जब्त किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दालमंडी की गलियों में सुरक्षा की दृष्टि से बड़े पैमाने पर विस्फोटक रखना बेहद खतरनाक है। इस बार कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

कानपुर हादसे से सबक नहीं दोहराई जाएगी लापरवाही

कानपुर में हाल ही में हुए हादसे ने प्रशासन और पुलिस दोनों को झकझोर दिया है। अवैध रूप से रखे गए पटाखों में विस्फोट से कई लोगों की जान चली गई।
वाराणसी पुलिस ने इसे चेतावनी के रूप में लिया है और कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कहा कि काशी आस्था और सभ्यता की नगरी है, यहां भय नहीं, विश्वास जगना चाहिए।
अगर एक भी अवैध रूप से पटाखे की बिक्री मिलेगी तो सीधे संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई होगी।

व्यापारियों से संवाद परंपरा के साथ सुरक्षा भी जरूरी

पुलिस अधिकारियों ने वाराणसी के पटाखा विक्रेता संघ, व्यापार मंडल, और स्थानीय पार्षदों के साथ बैठक कर
स्पष्ट किया कि इस बार लाइसेंस प्राप्त पटाखा की दुकानों को ही अनुमति दी जाएगी। सभी दुकानदारों से यह भी कहा गया है कि वे गोदाम में विस्फोटक सामग्री सीमित मात्रा में रखें, बिक्री स्थल पर अग्निशमन यंत्र अनिवार्य रूप से लगाएं और सुरक्षा मानकों का पालन करें। व्यापारियों ने भी पुलिस को सहयोग का आश्वासन दिया है। दालमंडी के एक दुकानदार ने कहा हम भी चाहते हैं कि काशी में दीपावली सुरक्षित और खुशहाल रहे, इसलिए अब खुद निगरानी रख रहे हैं।

सुरक्षित दीपावली हमारी जिम्मेदारी

पुलिस ने प्रशासन और फायर विभाग के साथ मिलकर एक जन-जागरूकता अभियान शुरू किया है। शहर के प्रमुख चौराहों, घाटों और बाजारों में बैनर लगाकर नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे अवैध पटाखों की खरीद या बिक्री से बचें। थानों के बीट प्रभारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे बच्चों और युवाओं को कम ध्वनि वाले, पर्यावरण अनुकूल पटाखे इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करें। गंगा आरती और घाटों के आस-पास ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण टीम सक्रिय की गई है, जिससे धार्मिक आयोजनों के बीच किसी तरह का प्रदूषण या दुर्घटना न हो।

काशी की संस्कृति से जुड़ी है सुरक्षित दीपावली की भावना

काशी में दीपावली केवल त्योहार नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का उत्सव है। यहां हर दीप, हर रोशनी अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देती है।
पुलिस का यह अभियान उसी परंपरा को बनाए रखने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि काशी की सुरक्षा और शांति को कायम रखना ही असली सेवा है। इस शहर में किसी की लापरवाही से जीवन संकट में न पड़े, यही हमारी प्राथमिकता है।

सुरक्षा संग त्यौहार पुलिस ने बढ़ाई गश्त और चौकसी

शहर के सभी प्रमुख बाजारों चौक, गोदौलिया, लहुराबीर, पांडेयपुर, भेलूपुर, सिगरा और लंका में
पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है। ड्रोन कैमरों से भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है। साथ ही, फायर ब्रिगेड और स्वास्थ्य विभाग को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। हर थाना क्षेत्र में एक त्वरित प्रतिक्रिया दल तैयार की गई है, जो किसी भी सूचना पर तुरंत मौके पर पहुंचेगी।

काशी को मिलेगी सुरक्षित और उजली दीपावली

पुलिस प्रशासन का यह अभियान अब सिर्फ कार्रवाई नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक संकल्प बन चुका है।
काशी की जनता भी इसे सकारात्मक रूप में देख रही है। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस सख्ती से अवैध कारोबार पर रोक लगाए तो हर दीपावली न केवल उजली होगी, बल्कि निश्चिंत और सुरक्षित भी।

  • कानपुर में विस्फोट के बाद वाराणसी पुलिस ने अवैध पटाखों पर अभियान तेज किया।
  • पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने सख्त निर्देश दिए हादसे पर थाना प्रभारी होंगे जिम्मेदार।
  • अवैध गोदामों और दुकानों की पहचान कर रही विशेष पुलिस टीमें गठित।
  • दालमंडी बाजार को सबसे संवेदनशील क्षेत्र मानकर विशेष निगरानी।
  • व्यापारियों से संवाद, केवल लाइसेंसधारी दुकानों को अनुमति।
  • सुरक्षित दीपावली अभियान से नागरिकों में जागरूकता बढ़ाई जा रही।
  • सुरक्षा, संस्कृति और विश्वास का संगम बन रही है काशी की दीपावली।

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