पूर्ण बोरा ने बिल्डर्स व आर्किटेक्टस संग काशी के सम्पूर्ण विकास पर किया मंथन, विधि सम्मत कार्यो में नहीं आएगी कोई अड़चन
काशी के समग्र विकास को मिले नई रफ्तार

● वीडीए उपाध्यक्ष पूर्ण बोरा की बिल्डर्स व आर्किटेक्ट्स संग बैठक में सहमति, फास्ट ट्रैक पर होंगे प्रोजेक्ट्स
● काशी के विकास में बिल्डर्स और आर्किटेक्ट्स हैं अहम सहयोगी
● हर समस्या का त्वरित समाधान, प्रतिदिन सुबह 10 से 12 बजे तक खुला रहेगा संवाद का द्वार
● बिल्डर्स ने रखी फायर फाइटिंग व्यवस्था और एनओसी प्रक्रिया में सुधार की मांग
● पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और जनसहभागिता पर होगा विकास का नया खाका
● काशी को स्मार्ट, सुरक्षित और सुंदर बनाने का साझा संकल्प
◆ अमित मौर्या
वाराणसी। वीडीए अब विकास की नई दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। सोमवार, 3 नवंबर 2025 को उपाध्यक्ष पूर्ण बोरा ने शहर के प्रमुख बिल्डर्स और आर्किटेक्ट्स के साथ संवाद बैठक कर विकास परियोजनाओं को ‘फास्ट ट्रैक मोड’ पर आगे बढ़ाने की रूपरेखा तय की। बैठक में काशी के समग्र विकास, पारदर्शिता, समयबद्ध कार्यप्रणाली और नागरिक सुविधा से जुड़े अहम मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई। उपाध्यक्ष पूर्ण बोरा ने कहा कि काशी के विकास में सरकारी मशीनरी, बिल्डर्स और आर्किटेक्ट्स तीनों एक-दूसरे के पूरक हैं। अगर सब मिलकर दिशा तय करें तो विकास केवल योजनाओं में नहीं, जमीन पर दिखाई देगा।
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काशी को आधुनिक और सुरक्षित शहर बनाने का साझा एजेंडा
वीडीए सभागार में हुई इस बैठक में एआरसी बिल्डर्स प्रा. लि., रोमा बिल्डर्स, वीएचवी बिल्डर्स, युवान इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि., एडोर्न रियल्टी, श्रीकांत ग्रुप, रुद्रा ग्रुप, गोकुल कंस्ट्रक्शन, एसएसबी ग्रुप, विन्सम डेवलपर्स, काशी इंफ्रास्ट्रक्चर सहित क्रेड़ाई के प्रमुख सदस्य मौजूद रहे। उपाध्यक्ष ने सभी प्रतिनिधियों से अपील की कि वे नये-नये विकासात्मक विचार, शहरी नियोजन से जुड़ी आधुनिक तकनीकें और स्थाई निर्माण मॉडल प्रस्तुत करें ताकि काशी को ‘सस्टेनेबल सिटी’ के रूप में विकसित किया जा सके। उन्होंने कहा कि हर बिल्डर अब ‘भागीदार’ की भूमिका निभाए, न कि केवल परियोजना संचालक की। प्राधिकरण और बिल्डर्स के बीच संवाद और समन्वय ही विकास की असली कुंजी है।
हर सुबह खुला रहेगा ‘संवाद का दरवाजा’
श्री बोरा ने घोषणा की कि बिल्डर्स, आर्किटेक्ट्स या नागरिक कोई भी व्यक्ति प्रतिदिन सुबह 10 से 12 बजे के बीच उपाध्यक्ष कार्यालय में सीधे आकर अपनी समस्या, सुझाव या प्रस्ताव रख सकता है।
उन्होंने कहा कि हमारे दरवाजे अब केवल शिकायतों के लिए नहीं, समाधान और सहयोग के लिए खुले हैं। प्रत्येक मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इस व्यवस्था का उद्देश्य प्राधिकरण और निजी क्षेत्र के बीच सीधा संवाद तंत्र स्थापित करना है ताकि लंबित मामलों में तेजी आए और अनावश्यक विलंब खत्म हो सके।

फास्ट ट्रैक पर प्रोजेक्ट्स, जवाबदेही तय होगी
बैठक में यह भी तय हुआ कि अब सभी नए प्रोजेक्ट्स पर ‘फास्ट ट्रैक मोड’ में काम होगा। उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक प्रस्ताव का मूल्यांकन और स्वीकृति प्रक्रिया समयबद्ध और पारदर्शी होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी फाइल को एक टेबल से दूसरी टेबल तक जाने में हफ्तों का वक्त नहीं लगना चाहिए। यदि कोई प्रक्रिया जटिल है, तो उसे सरल किया जाएगा। इस घोषणा को बिल्डर्स ने सकारात्मक कदम बताया और कहा कि इससे रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश और रोजगार दोनों को नई गति मिलेगी।
फायर सेफ्टी और हाई-राइज बिल्डिंग्स की चुनौतियां
बैठक में उपस्थित बिल्डर्स ने शहर की फायर फाइटिंग व्यवस्थाओं की सीमाओं पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उपलब्ध फायर टेंडर वाहन पुराने और कम ऊंचाई वाले हैं, जो 10 मंजिल से ऊपर की इमारतों तक प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर सकते, साथ ही शहर में फायर स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता बताई। वीडीए उपाध्यक्ष ने इस सुझाव को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि वह नगर निगम और फायर विभाग से समन्वय कर आधुनिक उपकरणों और फायर स्टेशन नेटवर्क विस्तार की दिशा में जल्द कदम उठाएंगे। श्री बोरा ने कहा कि आधुनिक विकास के साथ सुरक्षा भी हमारी प्राथमिकता है। जब तक नागरिक सुरक्षित नहीं होंगे, तब तक विकास अधूरा है।
आर्किटेक्ट्स के साथ संवाद, पारदर्शिता पर जोर
बिल्डर्स मीट के बाद उपाध्यक्ष ने आर्किटेक्ट्स के साथ बैठक की। उन्होंने साफ कहा कि वीडीए अब ‘पारदर्शी और त्वरित’ कार्यप्रणाली की ओर अग्रसर है। श्री बोरा ने कहा कि किसी भी तकनीकी या प्रक्रियागत समस्या का समाधान कार्यालय में तत्काल किया जाएगा। हर आर्किटेक्ट, हर इंजीनियर बिना झिझक सीधे संवाद करें। आर्किटेक्ट्स ने बताया कि कई बार विभिन्न विभागों से एनओसी प्राप्त करने में महीनों लग जाते हैं, जिससे कार्यों की गति बाधित होती है। इस पर उपाध्यक्ष ने कहा कि जल्द ही सभी विभागों के बीच ‘सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम’ विकसित किया जाएगा, ताकि एक ही मंच से सभी अनुमतियां प्राप्त हो सके। कहा कि ब्यूरोक्रेसी का बोझ कम करके, पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता बढ़ाना ही हमारा लक्ष्य है।
संयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्लान की रूपरेखा
बैठक में यह भी तय हुआ कि काशी के लिए एक संयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाएगा, जिसमें सड़क, जल निकासी, पार्किंग, ग्रीन जोन और शहरी सौंदर्यीकरण को समग्र रूप से शामिल किया जाएगा। वीडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि यह केवल बिल्डिंग परमिट का मामला नहीं है, बल्कि यह काशी के भविष्य की नींव है। हम आने वाली पीढ़ियों के लिए रहने योग्य, सुंदर और सुव्यवस्थित शहर बनाना चाहते हैं।
पॉजिटिव एनर्जी से भरी बैठक, विश्वास की नई शुरुआत
बैठक का माहौल सहयोग और सकारात्मकता से भरा रहा। बिल्डर्स और आर्किटेक्ट्स ने कहा कि पहली बार किसी उपाध्यक्ष ने प्रतिदिन व्यक्तिगत रूप से मिलने की व्यवस्था की है। यह कदम प्राधिकरण के प्रति जनता और पेशेवरों के विश्वास को मजबूत करेगा। अधिकारियों ने कहा कि श्री बोरा के नेतृत्व में वीडीए में नया कार्य संस्कृति युग शुरू हुआ है। जहां संवाद, समाधान और सहभागिता तीनों साथ चलेंगे।
बैठक में उपस्थित अधिकारी और भविष्य की दिशा
इस अवसर पर वीडीए के नगर नियोजक प्रभात कुमार और सहायक नगर नियोजक सौरभ जोशी भी मौजूद रहे। दोनों अधिकारियों ने प्राधिकरण की ओर से यह विश्वास दिलाया कि सभी विभाग उपाध्यक्ष के निर्देशों का पालन करते हुए हर परियोजना को गति देंगे और पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगे। काशी आज केवल मंदिरों और घाटों की नगरी नहीं, बल्कि आधुनिक भारत के शहरी विकास का प्रतीक बनने की ओर अग्रसर है। वीडीए उपाध्यक्ष पूर्णा बोरा के नेतृत्व में प्रशासन अब ‘कुर्सी नहीं, कार्य संस्कृति’ के जरिए अपनी पहचान बना रहा है। जहां संवाद हो, वहां समाधान भी संभव है। यही संदेश इस बैठक ने काशी को दिया। यदि यह प्रतिबद्धता धरातल पर उतरी, तो आने वाले वर्षों में काशी न केवल आध्यात्मिक बल्कि प्रशासनिक और विकासात्मक मॉडल सिटी के रूप में भी देश में पहचानी जाएगी।
● वीडीए उपाध्यक्ष पूर्णा बोरा ने 3 नवंबर को प्रमुख बिल्डर्स और आर्किटेक्ट्स के साथ बैठक की।
● विकास परियोजनाओं को ‘फास्ट ट्रैक मोड’ पर लागू करने की घोषणा।
● बिल्डर्स को प्रतिदिन सुबह 10 से 12 बजे उपाध्यक्ष से मिलने की स्वतंत्रता।
● फायर फाइटिंग उपकरणों की स्थिति सुधारने और नए फायर स्टेशनों की मांग।
● एनओसी प्रक्रिया को सरल बनाने और ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ लागू करने की पहल।
● पारदर्शिता, जवाबदेही और तकनीकी दक्षता पर विशेष बल।
● काशी के लिए संयुक्त इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाएगा।
● अधिकारियों व निजी क्षेत्र के बीच समन्वय से विकास को मिलेगी नई रफ्तार।





