पूर्ण बोरा ने स्वास्थ्य संस्थानों को दिया सन्देश,जो नियम विरुद्ध होगा बिगाड़ देंगे उसका “भेष”
वीडीए का स्वास्थ्य संस्थानों पर सख्ती और सुधार की दिशा में कदम

● पीसीपीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत हॉस्पिटल व सेंटरों के लिए मानचित्र स्वीकृति अब अनिवार्य
● बिना नक्शा नहीं अस्पताल वीडीए की पहल से बढ़ेगी मरीजों की सुरक्षा और व्यवस्था की पारदर्शिता
● वीडीए का निर्णय, अब बिना स्वीकृत मानचित्र के नहीं चलेगा कोई हॉस्पिटल या डायग्नोस्टिक सेंटर
● पीसीपीएनडीटी एक्ट से जुड़े सभी संस्थानों को मिलेगी नियमानुसार स्वीकृति की बाध्यता
● उपाध्यक्ष पूर्ण बोरा ने सभी जोनल अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश, सर्वेक्षण व निरीक्षण के आदेश जारी
● बिना मानचित्र स्वीकृति पाए गए अस्पतालों पर होगी विधिक कार्रवाई सीलिंग से लेकर नोटिस की तैयारी
● उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि शहर की स्वास्थ्य और भवन सुरक्षा को मजबूत करना
● मानचित्र स्वीकृति से सुनिश्चित होगी अग्निशमन, मरीज सुरक्षा और शहर की सौंदर्य व्यवस्था
◆ अमित मौर्य
वाराणसी। काशी देश की सांस्कृतिक राजधानी होने के साथ-साथ अब मेडिकल सेवाओं का भी प्रमुख केंद्र बन चुकी है। स्वास्थ्य संस्थानों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वीडीए ने एक अहम पहल की है। पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के अंतर्गत आने वाले सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटरों के लिए अब भवन मानचित्र स्वीकृति अनिवार्य कर दी गई है। यह कदम केवल प्रशासनिक औपचारिकता नहीं, बल्कि मरीजों की सुरक्षा, भवनों की मजबूती और शहरी सौंदर्य व्यवस्था की दृष्टि से एक दूरदर्शी सुधार है।
स्वास्थ्य सेवाओं में वैधता और सुरक्षा का नया अध्याय
विगत कुछ वर्षों में सैकड़ों नए हॉस्पिटल और डायग्नोस्टिक सेंटर खुले हैं। इनमें से कई ऐसे हैं जो नगर नियोजन अधिनियम-1973 के नियमों का पालन किए बिना ही संचालित हो रहे हैं। इन संस्थानों ने भवन निर्माण के लिए मानचित्र स्वीकृत नहीं कराया, जिससे न केवल निर्माण की वैधता संदिग्ध हो गई, बल्कि मरीजों की सुरक्षा पर भी प्रश्नचिह्न खड़े हो गए। वीडीए का यह कदम इन अनियमितताओं को समाप्त करने और स्वास्थ्य संस्थानों को कानूनी ढांचे में लाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल है। वीडीए उपाध्यक्ष पूर्ण बोरा ने कहा कि हमारा उद्देश्य किसी संस्थान को परेशान करना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि शहर में संचालित प्रत्येक अस्पताल, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर नगर नियोजन के मानकों के अनुरूप हो। जब स्वास्थ्य संस्थान सुरक्षित होंगे, तभी मरीज और नागरिक भी सुरक्षित रहेंगे।
कानूनी आधार अधिनियम और उसका उद्देश्य
उत्तर प्रदेश नगर नियोजन और विकास अधिनियम 1973 की धारा के अनुसार किसी भी भवन निर्माण से पहले प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराना आवश्यक है। पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत पंजीकृत चिकित्सा संस्थानों के लिए भवन की वैधता और सुरक्षा अनिवार्य है। अब इन दोनों कानूनों को जोड़ते हुए वीडीए ने यह स्पष्ट किया है कि कोई भी अस्पताल या सेंटर यदि पीसीपीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत कार्य कर रहा है या पंजीकृत होना चाहता है, तो पहले उसे मानचित्र स्वीकृति कराना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था इसलिए भी जरूरी है क्योंकि स्वास्थ्य संस्थान केवल उपचार स्थल नहीं, बल्कि संवेदनशील सार्वजनिक संरचनाएं हैं जहां प्रतिदिन सैकड़ों नागरिक आते हैं। किसी भी आपदा के दौरान इन भवनों की सुरक्षा मानकों का पालन जीवनरक्षक साबित हो सकता है।
वीडीए की सख्त और पारदर्शी कार्ययोजना
वीडीए उपाध्यक्ष पूर्ण बोरा के निर्देश पर प्राधिकरण ने एक विशेष सर्वेक्षण टीम का गठन किया है। यह टीम पूरे जिले के अस्पतालों, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटरों का स्थलीय निरीक्षण करेगी। टीम यह जांचेगी कि संबंधित भवन का मानचित्र प्राधिकरण से स्वीकृत है या नहीं। अगर कोई भी संस्थान बिना मानचित्र स्वीकृति के पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध नियमानुसार निम्न कार्यवाही की जाएगी। पहले नोटिस जारी किया जाएगा ताकि संस्थान को अपनी स्थिति सुधारने का अवसर मिल सके। उसके बाद भी अनुपालन न होने पर भवन को सील करने के साथ ही आवश्यकतानुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना और पंजीकरण निरस्त करने तक की कार्रवाई शामिल है। यह स्वास्थ्य संस्थानों को कानून के दायरे में रहकर काम करने का स्पष्ट संदेश भी देता है।
नागरिक सुरक्षा और भवन मानकों का सरोकार
अस्पताल केवल इलाज के केंद्र नहीं, बल्कि मानव जीवन की संवेदनशील डोर है। यदि भवन की संरचना ही असुरक्षित हो, तो चिकित्सकीय सुविधा का कोई अर्थ नहीं रह जाता। वाराणसी जैसे प्राचीन और घनी आबादी वाले शहर में अनियोजित निर्माण एक बड़ी समस्या बन चुका है। कई नर्सिंग होम तंग गलियों या रिहायशी भवनों में बिना उचित अग्निशमन व्यवस्था के संचालित हो रहे हैं। मानचित्र स्वीकृति प्रक्रिया के तहत अब निम्न प्रमुख सुरक्षा बिंदुओं की जांच सुनिश्चित की जाएगी। भवन की लोड क्षमता व निर्माण मानक, मरीजों और स्टाफ के लिए आपातकालीन निकास, फायर फाइटिंग सिस्टम, पार्किंग व एम्बुलेंस मूवमेंट की सुविधा रैम्प व व्हीलचेयर एक्सेस विद्युत सुरक्षा और स्वच्छता व्यवस्था इन मानकों के पालन से मरीजों की सुरक्षा के साथ-साथ शहर की सौंदर्य और यातायात व्यवस्था भी बेहतर होगी।
जिम्मेदारी और सहयोग की अपील
वीडीए ने शहर के सभी हॉस्पिटल संचालकों, चिकित्सकों व प्रबंधकों से अपील की है कि वे अपने भवनों के मानचित्र शीघ्र स्वीकृत कराएं। जिनके मानचित्र पूर्व में स्वीकृत नहीं हैं, वे विकास प्राधिकरण से संपर्क कर शमन प्रक्रिया पूरी करें। वीडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि हम किसी को दंडित नहीं करना चाहते, बल्कि सभी को नियमानुसार काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। जो संस्थान स्वयं आगे बढ़कर मानचित्र स्वीकृत कराएंगे, उन्हें भविष्य में किसी परेशानी या दंड का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह भी कहा है कि अब ऑनलाइन मानचित्र स्वीकृति प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाया जा रहा है, ताकि चिकित्सक आसानी से आवेदन कर सकें और समय पर स्वीकृति प्राप्त करें।




