लखनऊउत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने लिया संकल्प,कर देंगे खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग का कायाकल्प

सीएम योगी का शुद्ध औषधि मिशन : जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रशासन में नई ईमानदारी

 

हर जिले में होगा जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी दोगुने होंगे निरीक्षक

अब दवा नियंत्रण व्यवस्था बनेगी जनहित की मिसाल

हर जिले में ‘जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी’ सुरक्षा का नया प्रहरी बनेगा प्रशासन

दोगुने होंगे औषधि निरीक्षक कोई जिला नहीं रहेगा निरीक्षण विहीन

साक्षात्कार खत्म, अब लिखित परीक्षा से होगा चयन

औषधि नियंत्रक पद पर तय होंगी योग्यता और कार्यकाल, बढ़ेगी जवाबदेही

उप आयुक्त व संयुक्त आयुक्त के पदों में सुधार
समयबद्ध जांच व्यवस्था से नकली दवाओं पर नकेल

यूपी बनेगा देश का मॉडल स्टेट, डिजिटल ई-इंस्पेक्शन सिस्टम से पारदर्शिता की नई परंपरा

 

अनुज कुमार

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जनता के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसा निर्णय लिया है, जो आने वाले वर्षों में प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र की रीढ़ और नैतिक दिशा दोनों तय करेगा। अब तक औषधि निरीक्षण व्यवस्था में संसाधनों की कमी, निगरानी की ढिलाई और कभी-कभी भ्रष्टाचार की परछाई देखी जाती रही है। लेकिन इस बार मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि जनता के जीवन से जुड़े मामलों में समझौते की संस्कृति अब समाप्त होगी। योगी ने कहा है कि दवाओं की गुणवत्ता में अब किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह वक्तव्य केवल एक प्रशासनिक आदेश नहीं, बल्कि एक नैतिक घोषणा है। जिसमें सरकार ने जनता के स्वास्थ्य को शासन की ईमानदारी से जोड़ा है। मुख्यमंत्री ने औषधि निरीक्षण व्यवस्था को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पुनर्गठित करने का जो निर्देश दिया है, वह न केवल प्रणालीगत सुधार है, बल्कि यह संदेश भी है कि अब भ्रष्टाचार, सिफारिश और लापरवाही की जगह जवाबदेही, पारदर्शिता और जन विश्वास ले रहे हैं। दरअसल, योगी सरकार इस मिशन के माध्यम से यह साबित करना चाहती है कि शासन तभी सार्थक है जब उसका हर निर्णय सीधे जनता की सेहत और जीवन की सुरक्षा से जुड़ा हो। अब उत्तर प्रदेश केवल कानून और व्यवस्था में नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य संरक्षण के क्षेत्र में भी एक ‘मॉडल स्टेट’ बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है।

हर जिले में ‘जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी’ की होगी तैनाती

मुख्यमंत्री योगी ने जनपद स्तर पर औषधि नियंत्रण व्यवस्था को सशक्त करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब हर जिले में एक ‘जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी’ नियुक्त किया जाएगा, जो स्थानीय स्तर पर औषधियों की गुणवत्ता, वितरण और भंडारण की निगरानी करेगा। अब तक अधिकांश जिलों में निरीक्षण जिम्मेदारियां सीमित कर्मचारियों पर टिकी थीं। अब यह नया पद जिला स्तर पर औषधि सुरक्षा का प्रहरी साबित होगा।
यह कदम न केवल कार्यप्रणाली को तेज करेगा, बल्कि जनता को यह भरोसा देगा कि शासन उनकी सेहत पर नजर रखे हुए है।

औषधि निरीक्षक की तैनाती से कोई जिला नहीं रहेगा निरीक्षण विहीन

मुख्यमंत्री को कहा कि पूरे प्रदेश में केवल 109 औषधि निरीक्षक कार्यरत हैं। निरीक्षकों की संख्या को वर्तमान के सापेक्ष दोगुना किया जाए, ताकि हर जिले में पर्याप्त जनशक्ति उपलब्ध हो। इसका सीधा अर्थ यह है कि अब कोई भी जनपद ऐसा नहीं रहेगा जहां औषधि निरीक्षण केवल ‘कागजों’ में सीमित हो। हर क्षेत्र में दवाओं की गुणवत्ता जांच, भंडारण निरीक्षण और लाइसेंस सत्यापन नियमित रूप से होगा। योगी ने कहा कि जहां दवा बिके, वहां जवाबदेही भी बिकनी नहीं चाहिए।

पारदर्शी भर्ती: साक्षात्कार खत्म, होगी लिखित परीक्षा

योगी सरकार ने औषधि निरीक्षकों की नियुक्ति में पूर्ण पारदर्शिता का रास्ता चुना है। अब तक भर्ती प्रक्रिया में साक्षात्कार शामिल था, जिससे अनावश्यक रूप से अभ्यर्थी परेशान होते थे। मुख्यमंत्री ने इसे पूरी तरह खत्म कर लिखित परीक्षा आधारित प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए हैं। इससे मेरिट और ईमानदारी को प्राथमिकता मिलेगी। योग्य उम्मीदवारों को निष्पक्ष अवसर मिलेगा और विभागीय कार्यक्षमता में नई ऊर्जा आएगी। अब औषधि निरीक्षक बनना सिफारिश का नहीं, योग्यता का सवाल होगा।

औषधि नियंत्रक पद पर तय होंगी योग्यता व कार्यकाल

मुख्यमंत्री ने औषधि नियंत्रक के पद की पात्रता, अनुभव और कार्यकाल के लिए स्पष्ट मानक तय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस पद पर नियुक्त व्यक्ति के लिए निश्चित कार्यकाल होना चाहिए ताकि शीर्ष स्तर पर लीडरशिप और जवाबदेही दोनों सुनिश्चित हों। यह निर्णय इसलिए भी अहम है क्योंकि अब तक इस पद पर तैनाती कई बार मनमाने ढंग से होती रही। अब योग्यता, अनुभव और ईमानदारी तीनों मापदंड तय होंगे। योगी सरकार यह स्पष्ट कर रही है कि प्रशासन में स्थिरता और जिम्मेदारी दोनों साथ चलेंगी।

उप आयुक्त और संयुक्त आयुक्त के पदों में सुधार से बढ़ेगी कार्यकुशलता

मुख्यमंत्री ने उप आयुक्त (औषधि) के पदों में वृद्धि और संयुक्त आयुक्त (औषधि) के पद पर पदोन्नति हेतु आवश्यक अर्हकारी सेवा संशोधन को मंजूरी दी। इससे विभाग में न केवल कैरियर ग्रोथ के अवसर बढ़ेंगे बल्कि संस्थागत स्थिरता भी सुनिश्चित होगी। सरकार का उद्देश्य यह है कि जो अधिकारी जनता के हित में मेहनत करे, उसे सम्मानपूर्वक आगे बढ़ने का अवसर मिले। यह व्यवस्था कर्मचारियों में जवाबदेही के साथ प्रेरणा भी जगाएगी।

समयबद्ध जांच और स्थानीय पर्यवेक्षण

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब जनपद स्तर पर समयबद्ध जांच व्यवस्था लागू की जाए। हर दवा के नमूने की रिपोर्ट तय समय में आए, और दोषी पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई हो। साथ ही स्थानीय स्तर पर पर्यवेक्षण प्रणाली को भी मजबूत किया जाएगा ताकि निरीक्षण केवल कागजी कार्रवाई न बनकर वास्तविक निगरानी का हिस्सा बने। यह कदम प्रदेश में नकली या निम्न गुणवत्ता की दवाओं के खिलाफ निर्णायक साबित होगा।
अब निरीक्षण फाइलों में नहीं, मैदान में नजर आएगा।
राष्ट्रीय मानकों की ओर उत्तर प्रदेश बनेगा मॉडल स्टेट
योगी सरकार ने औषधि निरीक्षण व्यवस्था को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने का संकल्प लिया है।
केंद्र सरकार और राष्ट्रीय औषधि नियामक संस्थानों से समन्वय कर पूरे तंत्र को उच्चतम स्तर की तकनीक और प्रशिक्षण से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की औषधि व्यवस्था देश के लिए आदर्श बने, यही हमारी सोच है।

डिजिटल निरीक्षण प्रणाली की तैयारी

अब औषधि नियंत्रण विभाग को तकनीकी रूप से भी सशक्त बनाया जाएगा। हर निरीक्षण, रिपोर्ट, लाइसेंस, और कार्रवाई को ई-इंस्पेक्शन सिस्टम के तहत ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा। इससे किसी भी अधिकारी या औषधि विक्रेता की गतिविधि ट्रैक की जा सकेगी। ईमानदार कार्यशैली और डिजिटल पारदर्शिता का यह संयोजन शासन में जनविश्वास की नई दीवार खड़ी करेगा। योगी आदित्यनाथ की इस पहल से यह साफ है कि सरकार अब सिर्फ नियम नहीं बना रही, बल्कि उन्हें जनता के हित में क्रियान्वित भी कर रही है।

जहां पहले औषधि नियंत्रण विभाग पर मिलावट और भ्रष्टाचार के आरोप लगते थे, वहीं अब वह विभाग जनविश्वास का प्रहरी बनने की दिशा में बढ़ रहा है। यह सिर्फ प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि ईमानदारी की वापसी का संकेत है। यह उस व्यवस्था की शुरुआत है, जहां जनता के स्वास्थ्य पर निर्णय होगा, ना कि सिफारिश पर।

* जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी हर जिले में नया पद स्थानीय निगरानी मजबूत
* औषधि निरीक्षक संख्या दोगुनी होगी निरीक्षण तेज और प्रभावी
* भर्ती प्रक्रिया साक्षात्कार हटेगा, परीक्षा से चयन पारदर्शिता और मेरिट
* औषधि नियंत्रक योग्यता व कार्यकाल तय जवाबदेही सुनिश्चित
* उप आयुक्त, संयुक्त आयुक्त पदोन्नति में सुधार कार्यकुशलता व प्रेरणा
* जांच प्रणाली समयबद्ध रिपोर्टिंग नकली दवाओं पर रोक
* राष्ट्रीय मानक केंद्र के अनुरूप ढांचा यूपी बनेगा मॉडल स्टेट
* डिजिटल ट्रैकिंग ई-इंस्पेक्शन सिस्टम पूर्ण पारदर्शिता

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button