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बलिया में परिवहन परिवहन मंत्री दयाशंकर ने दिया कन्वेंशन सेंटर का शिलान्यास, पत्रकारों समेत प्रबुद्धजनों की पूरी हुई आस

कन्वेंशन सेंटर से खुलेगा संवाद का नया अध्याय, बलिया में पत्रकारों को मिली पहचान

● भूमि पूजन में आस्था और आत्मीयता का संगम

● पत्रकारों की पुरानी मांग हुई पूरी

● संवाद के लिए बनेगा आधुनिक कन्वेंशन सेंटर

● दयाशंकर सिंह बोले लोकतंत्र की आवाज को मजबूत करेंगे

● जनपद में मीडिया के लिए अब स्थाई व्यवस्था, स्थानीय संवाद की संस्कृति को नई पहचान

● पत्रकारों की भूमिका पर मंत्री का सम्मानजनक दृष्टिकोण

● सरकार, मीडिया और समाज भरोसे का त्रिकोण

 

कंचन सिंह

 

बलिया। तहसील परिसर में 14 अक्टूबर 2025 की शाम प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने विधि-विधान के साथ मीडिया कन्वेंशन सेंटर का भूमि पूजन किया, वह महज एक सरकारी कार्यक्रम नहीं था, बल्कि संवाद के उस पुल की पहली ईंट थी जो सरकार और समाज के बीच पारदर्शी रिश्ते को जोड़ सकती है। लंबे समय से पत्रकारों की अपनी जगह, अपनी पहचान और संवाद के स्थायी मंच की मांग अब आकार ले रही है। नारियल फोड़ते हुए मंत्री ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र की आत्मा है, उसकी गरिमा की रक्षा सरकार का कर्तव्य है। यह वाक्य साधारण लग सकता है, पर बलिया जैसे जनपद में यह घोषणा एक सामाजिक भरोसे का दस्तावेज बनकर उभरी है।

भूमि पूजन में केवल ईंट ही नहीं संवाद की नींव रखी गई

14 अक्टूबर की शाम बलिया मॉडल तहसील परिसर एक अलग ही माहौल में सराबोर था। ढलते सूरज की रोशनी में जब मंत्रोच्चार गूंजे, नारियल फूटा और भूमि पूजन के साथ मिट्टी में पहली ईंट रखी गई तो लगा कि यह केवल ईंट नहीं, संवाद की नींव रखी जा रही है।
प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह स्वयं पूरे विधि-विधान के साथ पहुंचे थे। माथे पर तिलक, हाथों में पूजा सामग्री और मन में पत्रकारों के प्रति सम्मान का भाव यह दृश्य एहसास करा रहा था कि यह महज एक रस्म नहीं, बल्कि एक रिश्ते का पुनर्निर्माण है। मीडिया प्रतिनिधियों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुआ यह आयोजन विश्वास और सादगी से भरा था। मंत्री ने कहा कि जिस समाज में संवाद की जगह कम होती है, वहां लोकतंत्र कमजोर पड़ता है। बलिया संवाद का प्रतीक रहा है। अब उसे संस्थागत रूप दिया जा रहा है।

कन्वेंशन सेंटर बनने से प्रेस कॉन्फ्रेंस, वर्कशॉप, पत्रकार प्रशिक्षण भी होगा

बलिया के पत्रकार वर्षों से इस बात की मांग कर रहे थे कि उन्हें बैठने, चर्चा करने और कार्यक्रमों के आयोजन के लिए एक स्थाई जगह मिले। आज तक उन्हें जिला प्रशासन या तहसील भवनों के कोनों में अस्थाई जगहों पर बैठक करनी पड़ती थी। कभी पंचायत भवन में, कभी ब्लॉक ऑफिस के बरामदे में मीडिया संवाद का अस्थाई केंद्र था। अब यह कहानी बदलने जा रही है।

कन्वेंशन सेंटर बनने के बाद न केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस, बल्कि वर्कशॉप, पत्रकार प्रशिक्षण, और सामाजिक संवाद कार्यक्रम भी यहीं होंगे। दयाशंकर सिंह ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र की चौथी शक्ति हैं, लेकिन कई बार उन्हें सबसे कम सुविधाएं मिलती हैं। यह भवन उनके आत्मसम्मान का प्रतीक बनेगा।

कन्वेंशन सेंटर सिर्फ भवन नहीं, संवेदनशीलता का संगम बनेगा

यह सेंटर केवल एक इमारत नहीं होगा जो सुविधा और संवेदनशीलता का संगम बनेगा। प्रस्तावित नक्शे के अनुसार इसमें प्रेस मीट हॉल, वर्क स्पेस, वाई-फाई, प्रोजेक्शन सिस्टम, और चाय-कॉफी काउंटर तक की सुविधा रहेगी। सूत्रों के अनुसार, यह सेंटर दो मंजिला होगा, जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल और प्रथम तल पर मीटिंग रूम, मीडिया रूम तथा अतिथियों के बैठने की व्यवस्था होगी। निर्माण कार्य की देखरेख पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम करेगी। मंत्री ने स्पष्ट कहा कि यह सिर्फ भवन नहीं, विचार का विस्तार है। पत्रकारिता को ताकत देने के लिए ठोस मंच चाहिए, ताकि संवाद अब सड़क पर नहीं, सभ्यता के मंच पर हो।

लोकतंत्र की आवाज को मजबूत करना सरकार का कर्तव्य

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि पत्रकार वह आईना हैं जो व्यवस्था की सच्चाई दिखाते हैं। आलोचना भी जरूरी है, लेकिन उसका आधार तथ्य होना चाहिए। सरकार आलोचना से भागेगी नहीं बल्कि उसे सुधार का अवसर मानेगी। यह वक्तव्य बलिया के लिए खास मायने रखता है। हाल के वर्षों में जिले में कई बार पत्रकारों ने भ्रष्टाचार, प्रशासनिक लापरवाही और सामाजिक मुद्दों को उठाया है। ऐसे में मंत्री का यह संदेश, संवाद को टकराव से सहयोग की दिशा में मोड़ने वाला माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया के साथी हमारी आंख और कान हैं, बिना उनके सरकार अधूरी है।

जनपद में मीडिया के लिए स्थाई व्यवस्था

बलिया जैसे सीमांत जनपद में पत्रकारों के पास किसी स्थाई प्रेस क्लब या मीडिया भवन का न होना हमेशा एक बड़ी कमी मानी जाती थी। कई पत्रकारों ने अपनी जेब से कार्यक्रमों का खर्च उठाया, किसी ने किराए के कमरों में प्रेस वार्ता आयोजित की, अब यह कठिनाई खत्म होगी। स्थाई भवन बनने से जिले में मीडिया की संस्थागत पहचान भी मजबूत होगी। यह जगह आने वाली पीढ़ियों के पत्रकारों के लिए एक केंद्र बनेगी। वरिष्ठ पत्रकार अशोक मिश्र ने कहा कि बलिया की पत्रकारिता ने हमेशा जनपक्ष में आवाज उठाई है। अब उसके पास अपनी आवाज को संगठित करने का मंच मिल जाएगा। बलिया सिर्फ भूगोल नहीं, विचारों की भूमि है, चित्तू पांडेय की क्रांति से लेकर जयप्रकाश आंदोलन तक, यहां संवाद ने हमेशा दिशा दी है। मीडिया कन्वेंशन सेंटर उसी परंपरा का नया रूप है। यहां विचार विमर्श, संगोष्ठी, और जनसंवाद के आयोजन होंगे यानी यह केवल पत्रकारों का नहीं, जनता और प्रशासन के बीच नए भरोसे का केंद्र बनेगा। मंत्री ने कहा कि बलिया का मीडिया मजबूत होगा, तो लोकतंत्र भी मजबूत होगा।
उनका यह बयान एक सामाजिक दृष्टिकोण की झलक देता है, जो केवल विकास नहीं, बल्कि विचारशील विकास की बात करता है।

पत्रकारों की भूमिका पर मंत्री का सम्मानजनक दृष्टिकोण

कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने स्थानीय पत्रकारों को सम्मानित करते हुए कहा कि आप लोग जोखिम उठाकर सच लिखते हैं। सरकार आपके साथ है, आपके अधिकारों की रक्षा करेगी। यह बयान स्थानीय पत्रकारों के मन में आत्मविश्वास का संचार करने वाला था। वर्षों से उत्पीड़न और अनदेखी झेल रहे पत्रकारों के लिए यह भरोसे का क्षण था। कई वरिष्ठ पत्रकारों ने मंच से कहा कि पहली बार सरकार ने हमारी संवेदना को समझा है। जो यह बात स्पष्ट करती है कि यह सेंटर केवल ईंट-पत्थर नहीं, भावनात्मक पुनर्निर्माण की प्रक्रिया है।

बलिया में मीडिया कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला केवल एक निर्माण परियोजना नहीं है, यह लोकतंत्र में संवाद और सम्मान का क्षण है। पत्रकारों के लिए यह जगह आवाज की पनाहगाह बनेगी, जहां खबरें केवल लिखी नहीं जाएंगी, बल्कि समझी जाएंगी। अगर सरकार अपने वादे के मुताबिक इसे पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ पूरा करती है, तो यह कदम सिर्फ बलिया नहीं, पूरे प्रदेश में मीडिया-सशक्तिकरण का प्रतीक बन जाएगा।

● बलिया मॉडल तहसील परिसर में होगा कन्वेंशन सेंटर का निर्माण।

● परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने किया भूमि पूजन और कार्यारंभ।

● निर्माण कार्य समय-सीमा में पूरा कराने का निर्देश।

● पत्रकारों की लंबे समय से चली आ रही मांग को मिली मंजूरी।

● सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस, मीटिंग और मीडिया गतिविधियों की सुविधा।

● मंत्री ने कहा मीडिया लोकतंत्र की चौथी शक्ति है, उसका सम्मान जरूरी।

● बलिया में संवाद का नया केंद्र बनेगा यह भवन।

● पत्रकारों को कार्य और संवाद के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध होगा।

● पारदर्शिता, संवाद और साझेदारी की दिशा में बड़ा कदम।

● सरकार और मीडिया के रिश्ते में नई संवेदनशीलता की शुरुआत।

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