वाराणसी

PM Modi के संसदीय क्षेत्र में सूदखोरों ने करोड़ो वसूले, सूदखोरी सेल वाले अपना फर्ज भूले!

31 लाख कर्ज देकर , 2.44 करोड़ वसूली व 35 लाख बकाया बता रहे सूदखोर

~ भय का आलम मकान, बेटी और जान पर धमकी

~ प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में कानून की विफलता और नागरिक असुरक्षा

~ सूदखोरों ने शिक्षिका और परिवार को मौत व अपहरण की धमकियों से किया त्रस्त

~ भारी-भरकम रकम वसूलने के बाद भी मकान हड़पने और चेक-स्टाम्प पर जबरन हस्ताक्षर कराए

~ दिवंगत मुख्तार अंसारी व मुन्ना बजरंगी के नाम पर दहशत फैलाने का खेल

~ पीएम के संसदीय क्षेत्र में कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल पुलिस-प्रशासन की निष्क्रियता उजागर

 

देवनाथ मौर्य

 

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र, जिसे भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी माना जाता है। अब सूदखोरों और अपराधियों के खुले आतंक के कारण सुर्खियों में है। सोनारपुरा (फरीदपुर) की कांवेंट स्कूल की शिक्षिका पूर्णा भट्टाचार्य और उनके पति देवजीत भट्टाचार्य इस आपराधिक नेटवर्क के शिकार बने हुए हैं। शहर के सूदखोरों ने 31 लाख का कर्ज देकर उन्हें ऐसा जकड़ लिया कि अब तक 2.44 करोड़ रूपये वसूल कर लिए गए हैं, फिर भी 35 लाख बकाया बताकर उन्हें धमकाया जा रहा है। पीड़ित परिवार पर मकान हड़पने, बेटी का अपहरण और जान लेने की धमकियां दी जा रही हैं। वाराणसी, जो संस्कृति और शिक्षा का प्रतीक है, अब अपराधियों के जाल में फंसकर नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर रहा है। पीएम के संसदीय क्षेत्र में यह घटना बताती है कि अपराधी और गिरोह किस हद तक खुलकर सक्रिय हैं।

31 लाख कर्ज, 2.44 करोड़ की वसूली और 35 लाख बकाया

पूर्णा और देवजीत भट्टाचार्य ने शहर के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले सूदखोरों से कुल 31 लाख रुपये का कर्ज लिया। लेकिन यह कर्ज उनके लिए जीवनभर का दुःस्वप्न बन गया। अब तक उनसे वसूली हुई 2 करोड़ 44 लाख 77 हजार रूपये। बावजूद इसके, 35 लाख और बकाया बताते हुए लगातार दबाव बनाया जा रहा है। हर दिन फोन और मैसेज से मिल रही धमकियां। मकान के आसपास संदिग्ध लोगों का रहता है जमावड़ा। पीड़ित परिवार ने बताया कि अब घर से बाहर निकलना भी उनके लिए जीवन खतरे में डालने जैसा है। यह सिर्फ आर्थिक वसूली नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक आतंक है।

भय का आलम मकान, बेटी और जान पर धमकी

सूदखोरों ने साफ किया कि बकाया रकम नहीं चुकाने पर मकान हड़प लिया जाएगा, बेटी का अपहरण किया जाएगा और परिवार की जान भी खतरे में होगी। शिक्षिका पूर्णा भट्टाचार्य कहती हैं कि पूरा परिवार अब घर में कैद महसूस कर रहा है। बच्ची की सुरक्षा को लेकर हर कदम डर के साए में उठाया जा रहा है। रात में परिवार पूरी तरह डर और तनाव में सोने को मजबूर है। सूदखोर अब सिर्फ पैसा वसूलने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि परिवार के जीवन को पूरी तरह बर्बाद करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी गिरोह की छाया

पीड़ित परिवार के अनुसार सूदखोर मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी (मृत) के गिरोह से जुड़े होने का दावा कर रहे हैं। वाराणसी और आसपास के इलाकों में यह गिरोह लंबे समय से सूदखोरी, हत्या और अपहरण के मामलों में सक्रिय है। अपराधियों की खुलेआम धमकियों और प्रशासन की उदासीनता ने इस गिरोह को हिम्मत दी है।

पीएम का संसदीय क्षेत्र व कानून की विफलता

यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत संकट नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में कानून व्यवस्था की विफलता को उजागर करता है। अपराधी मकान और आसपास खुलेआम घूमते हैं। प्रशासन की उदासीनता और पुलिस की नाकामी ने अपराधियों को खुले हाथ से आतंक फैलाने की अनुमति दे दी। पीएम के संसदीय क्षेत्र में यह घटना बताती है कि आम नागरिक अब अपराधियों के जाल में फंसते जा रहे हैं, और सुरक्षा की गारंटी खत्म हो चुकी है। पीएम का संसदीय क्षेत्र केवल सांस्कृतिक नगरी नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय और राजनीतिक प्रतीक भी है। इस इलाके में खुली सूदखोरी और अपराधियों की सक्रियता नागरिक विश्वास और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है। मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी के नाम की ताकत का खुला इस्तेमाल कर धमकियां दी जा रही हैं। यह केवल परिवार नहीं, पूरे क्षेत्र के नागरिकों के लिए सुरक्षा और सामाजिक संकट पैदा करेगा। पूर्णा भट्टाचार्य और उनके परिवार का मामला सिर्फ व्यक्तिगत संघर्ष नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कानून और व्यवस्था की विफलता का प्रतीक है। जहां अपराधियों ने खुलेआम आतंक फैलाया है, प्रशासन की चुप्पी और कानून की नाकामी ने उन्हें यह हिम्मत दी। शिक्षा और संस्कृति की राजधानी अब सुरक्षा और न्याय के लिए तड़प रही है।

  • शिक्षिका पूर्णा भट्टाचार्य और उनके पति देवजीत भट्टाचार्य 31 लाख का कर्ज लेने के बाद 2.44 करोड़ वसूली के बावजूद सूदखोरों के चंगुल में फंसे हैं।
  • 35 लाख बकाया बताकर उन्हें मकान, बेटी और जान की धमकी दी जा रही है।
  • पीड़ित परिवार का कहना है कि सूदखोर मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी गिरोह से जुड़े हैं।
  • प्रशासन की उदासीनता और पुलिस की नाकामी ने अपराधियों को खुला अधिकार दिया है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद, नागरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए गंभीर खतरे में है।
  • मामले की त्वरित जांच और पीड़ित परिवार की सुरक्षा अनिवार्य है।

सूदखोरों का साम्राज्य पीएम के संसदीय क्षेत्र में शिक्षिका परिवार की चीख अनसुनी!

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में सूदखोरों का आतंक इस कदर हावी है कि कांवेंट स्कूल की शिक्षिका और उनका पूरा परिवार घर से बाहर निकलने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहा। महज 31 लाख रुपये का कर्ज लेकर शुरू हुई आर्थिक परेशानी अब 2 करोड़ 44 लाख 77 हजार रुपये की जबरन वसूली में बदल चुकी है। इतना चुकाने के बाद भी सूदखोर गिरोह 35 लाख रुपये बकाया बताकर मकान हड़पने, बेटी का अपहरण करने और हत्या तक की धमकी दे रहा है। शिक्षिका का परिवार थर-थर कांप रहा है। भेलूपुर थाना क्षेत्र के सोनारपुरा (फरीदपुर) की रहने वाली शिक्षिका पूर्णा भट्टाचार्य और उनके पति देवजीत भट्टाचार्य एक भयावह दु:स्वप्न जी रहे हैं। शिक्षिका भगवानपुर स्थित एक कांवेंट स्कूल में पढ़ाती हैं, जबकि उनके पति कभी म्यूजिक एलबम बनाने के काम में सक्रिय थे। आर्थिक संकट ने जब 2019 में दस्तक दी तो देवजीत भट्टाचार्य ने पड़ोसियों और परिचितों से मदद की उम्मीद की। इसी दौरान उनकी मुलाकात राधेश्याम मौर्या से हुई। राधेश्याम अपने साथी धीरेन्द्र कपूर उर्फ मुन्ना कपूर के साथ आया और ‘साफ-सुथरे लेन-देन’ का भरोसा दिलाते हुए उन्हें ब्याज पर कर्ज देने का प्रस्ताव रखा। देवजीत ने राधेश्याम मौर्या से 18 लाख और मुन्ना कपूर से 13 लाख रुपये कर्ज के रूप में लिए। कुल रकम हुई 31 लाख। किसी रसीद या लिखित करार का कोई दस्तावेज़ इन सूदखोरों ने नहीं दिया। परिवार ने भरोसा किया, लेकिन यही भरोसा अब उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा बोझ बन चुका है।

2.44 करोड़ वसूली, फिर भी 35 लाख की बकाया धमकी

कुछ ही दिनों बाद राधेश्याम मौर्या और उसके गिरोह का असली चेहरा सामने आ गया। किस्तों के नाम पर रकम वसूलने का सिलसिला शुरू हुआ। परिवार का आरोप है कि धीरे-धीरे राधेश्याम मौर्या ने अकेले 18 लाख रुपये के एवज में 2 करोड़ रुपये से अधिक खाते से निकलवा लिए। मुन्ना कपूर ने 44 लाख रुपये, राहुल विश्वकर्मा ने 15 लाख रुपये वसूले। कुल मिलाकर 2 करोड़ 44 लाख 77 हजार रुपए की वसूली हो चुकी है। इसके बावजूद गिरोह बेशर्मी से 35 लाख रुपये बकाया बताकर जान से मारने, बेटी का अपहरण करने और मकान हड़प लेने की धमकियां दे रहा है।

मकान हड़पने और जबरन दस्तखत कराने की साजिश

सिर्फ धमकियों पर ही बात खत्म नहीं हुई। शिक्षिका ने बताया कि उनके पति को जबरन उठाकर ले जाया गया और एक्सिस बैंक व पीएनबी के 12 सादे चेक, 14 स्टाम्प पेपर पर साइन कराए गए। मकान का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट भी महज़ 4 लाख रुपये में मकसूद आलम के नाम करवा लिया गया, जिसकी रकम भी हड़प ली गई। परिवार की इज्जत तक को दांव पर लगा दिया गया। 11 जून को गुप्तेश्वर तिवारी और राहुल विश्वकर्मा ने शिक्षिका के घर पहुंचकर न सिर्फ गालियां दीं, बल्कि छेड़छाड़ तक की। पिस्टल निकालकर धमकी दी गई कि 35 लाख रुपये मुन्ना कपूर तक पहुंचाओ, वरना पूरे परिवार को खत्म कर देंगे।

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