वीडीए के उपाध्यक्ष पूर्ण बोरा ने लिया संकल्प, प्राधिकरण का करेंगे काया कल्प
पारदर्शिता और जनसेवा का नया अध्याय वीडीए उपाध्यक्ष पूर्ण बोरा की नई पहल

● प्रशासन जनता के लिए है, जनता प्रशासन के लिए नहीं
● सॉफ्टवेयर इंजीनियर से आईएएस तक का सफर, तकनीक और जनसेवा का संगम
● बिजनौर में ‘विदूर ब्रांड’ से महिलाओं को आर्थिक आजादी
● वाराणसी को मिलेगा पारदर्शी और पब्लिक-फ्रेंडली प्राधिकरण
● एयरपोर्ट से घाट तक सौंदर्यीकरण परियोजना प्राथमिकता पर
◆ माया रानी अग्रहरि एडवोकेट
वाराणसी। वीडीए में अब पारदर्शिता, दक्षता और जनता से सीधा संवाद की कार्य संस्कृति आकार ले रही है।
31 अक्टूबर 2025 को उपाध्यक्ष पूर्ण बोरा ने सचिव डॉ.वेद प्रकाश मिश्रा की उपस्थिति में मीडिया से खुलकर बातचीत की और अपने विजन की झलक पेश की।उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्राधिकरण का हर कार्य जनता के लिए होगा, न कि जनता को परेशान करने के लिए। अपने तकनीकी और प्रशासनिक अनुभव को साझा करते हुए श्री बोरा ने बताया कि उनका लक्ष्य वाराणसी को स्मार्ट, सुंदर और संवेदनशील नगरी के रूप में विकसित करना है, जहां विकास योजनाएं जनता की भागीदारी से आगे बढ़ें।
तकनीक से प्रशासन तक पूर्ण बोरा का प्रेरक सफर
असम राज्य से आने वाले आईएएस पूर्ण बोरा वर्ष 2012 में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बी.टेक करने के बाद सैमसंग कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में कार्यरत रहे। लेकिन उनका मन तकनीक से आगे जाकर समाज में बदलाव लाने का था। उन्होंने सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू की और प्रथम प्रयास में आईडीएस, द्वितीय प्रयास में आईआरएस सेवा में चयन पाया। परंतु संतुष्टि उन्हें तब मिली जब वर्ष 2018 में उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में हुआ। प्रशिक्षण के उपरांत वे कुशीनगर में संयुक्त मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत हुए, जहां लगभग 1 वर्ष 10 माह तक पर्यटन, विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों का संचालन किया।
इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी, बिजनौर के रूप में उनका कार्यकाल लगभग 3 वर्ष 4 माह चला और वहीं से शुरू हुआ एक ऐसा विकास मॉडल, जिसने ग्रामीण उत्तर प्रदेश को नई दिशा दी।
बिजनौर मॉडल गांवों में ज्ञान और आत्मनिर्भरता की रोशनी
बिजनौर में पूर्ण बोरा ने जन-भागीदारी आधारित विकास को अपनी प्रशासनिक नीति का केंद्र बनाया।
उन्होंने 1123 ग्राम पंचायतों में लाइब्रेरी की स्थापना कर एक अनोखी पहल की, जिससे ग्रामीण विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पुस्तकें, इंटरनेट और अध्ययन स्थल उपलब्ध कराए गए। उनका मानना था कि शिक्षा केवल शहरों तक सीमित न रहे, गांवों तक उसकी पहुंच जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने सरकारी विद्यालयों में लगभग 3000 कंप्यूटर वितरित करवाए, जिससे विद्यार्थियों में डिजिटल साक्षरता को नया आयाम मिला। शिक्षा के साथ-साथ उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी विशेष ध्यान दिया। विदूर ब्रांड नाम से उन्होंने महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से 150 से अधिक एफएमसीजी उत्पादों के प्रशिक्षण और उत्पादन कार्यक्रम प्रारंभ किए।
वाराणसी में पारदर्शी प्रशासन की दिशा में कदम
वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद पूर्ण बोरा का फोकस पारदर्शिता और त्वरित कार्यप्रणाली है। कहा कि जनता को सुविधा देने वाला संस्थान ही विकास प्राधिकरण कहलाने का अधिकारी है। श्री बोरा की प्राथमिकताएं मैप अप्रूवल प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाना। नागरिकों को कागजी प्रक्रिया से मुक्ति, आवेदन और स्वीकृति पूरी तरह ऑनलाइन ट्रैक की जा सकेगी।
अवैध निर्माणों की पहचान कर आवश्यकतानुसार कम्पाउंडिंग, जहां गलती सुधार योग्य होगी, वहां समाधान की नीति अपनाई जाएगी, न कि दंड की पारदर्शिता और न्याय दोनों साथ चलेंगे।
सभी योजनाओं को समयबद्ध रूप से पूर्ण कराने की नीति
पूर्ण बोरा ने बताया कि प्राधिकरण की प्रत्येक परियोजना के लिए स्पष्ट टाइमलाइन तय होगी। मॉनिटरिंग टीम और साप्ताहिक समीक्षा प्रणाली लागू होगी। एयरपोर्ट से घाट तक सौंदर्यीकरण कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ ही पर्यटकों को ‘गेटवे टू काशी’ का अनुभव मिलेगा। लाइटिंग, लैंडस्केपिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर पर समग्र दृष्टिकोण रहेगा। साइकिल ट्रैक, पार्किंग हब, फुट ओवर ब्रिज और ग्रीन कॉरिडोर जैसी योजनाएं प्रस्तावित हैं। नागरिकों की सुविधा और शहर के ट्रैफिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान रखा जायेगा।
एयरपोर्ट से घाट तक वाराणसी की नई पहचान का खाका
वीडीए उपाध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि एयरपोर्ट से घाट तक का सौंदर्यीकरण कार्य वाराणसी की पहचान का केंद्र बनेगा। इस कॉरिडोर में स्वच्छता, ट्रैफिक मैनेजमेंट, पौधरोपण, स्ट्रीट लाइटिंग, कलात्मक वॉल पेंटिंग, और हरियाली का समावेश होगा। यह केवल एक विकास परियोजना नहीं, बल्कि संस्कृति और आधुनिकता के संगम का प्रतीक होगी।
* असम मूल के आईएएस अधिकारी, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि।
* सैमसंग में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में अनुभव, तकनीकी दक्षता को प्रशासन में उतारा।
* बिजनौर में 1123 ग्रामों में लाइब्रेरी, 3000 स्कूलों में कंप्यूटर वितरण, महिलाओं के लिए ‘विदूर ब्रांड’।
* वाराणसी में डिजिटल और पारदर्शी वीडीए के लक्ष्य के साथ कार्य आरंभ।
* अवैध निर्माणों पर सुधारात्मक और पारदर्शी नीति लागू।
* एयरपोर्ट-टू-घाट कॉरिडोर सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट को शीर्ष प्राथमिकता।
* पब्लिक फ्रेंडली प्राधिकरण के लिए जनसुनवाई और सिटीजन ऐप की योजना।
* शतरंज और तार्किक सोच के प्रति व्यक्तिगत लगाव, युवाओं में सोचने की संस्कृति बढ़ाने का उद्देश्य।




