बस ऑपरेटरों की बैठक में परिवहन आयुक्त का कड़ा संदेश, ओवरलोडिंग, परमिट उल्लंघन और फिटनेस पर सख्त रवैया
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना सर्वोच्च प्राथमिकता, स्कूली वाहनों और लम्बी दूरी की बसों पर विशेष निर्देश

रिपोर्ट: विशेष संवादाता, अचूक संघर्ष
लखनऊ, 27 जून 2025। लखनऊ में बस ऑपरेटरों एवं ट्रांसपोर्टर्स की एक महत्वपूर्ण बैठक परिवहन आयुक्त उत्तर आयुक्त उत्तर प्रदेश ब्रजेश नारायण सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक का उद्देश्य प्रदेश में हालिया बस दुर्घटनाओं, सड़कों पर सुरक्षा संबंधी लापरवाही, परमिट के उल्लंघन और ओवरलोडिंग जैसी गंभीर समस्याओं पर ट्रांसपोर्ट सेक्टर को जागरूक करना था। परिवहन आयुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु और घायलों की संख्या में 50 प्रतिशत तक की कमी लाना है। इसी दिशा में विभाग द्वारा सख्त प्रवर्तन और नीति सुधारों पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।
परिवहन विभाग ने बैठक में कई प्रमुख मुद्दों पर सख्त संदेश दिया। सबसे पहले, ओवरलोडिंग और चालानों की समस्या को गंभीरता से लिया गया। कई वाहनों पर दर्जनों चालान लंबित हैं, जिससे दुर्घटनाओं की स्थिति में जाँच और उत्तरदायित्व तय करना मुश्किल हो जाता है। वाहन स्वामियों को सलाह दी गई कि वे समय पर चालान का निस्तारण करें। स्कूली वाहनों को लेकर विशेष चिंता व्यक्त की गई। फिटनेस समाप्त हो चुके स्कूल वाहनों को तत्काल संचालन से बाहर किया जाए, इस पर प्रवर्तन दल द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

एक अन्य गंभीर विषय परमिट उल्लंघन रहा, जिसमें यह देखा गया कि कांट्रैक्ट कैरेज परमिट वाले वाहन अक्सर स्टेज कैरेज की तरह सवारी बैठाते हैं, जो पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। इस प्रकार के मामलों में परमिट के निलंबन या निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। परिवहन विभाग ने यह भी बताया कि सड़क किनारे बसों की अनियंत्रित पार्किंग को रोकने के लिए निजी बस अड्डों के निर्माण की नई नीति लाई गई है, जिससे यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके।
लम्बी दूरी की बसों में दो चालकों की अनिवार्यता को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं ताकि ड्राइवर की थकान के चलते होने वाली दुर्घटनाएं रोकी जा सकें। साथ ही, ड्राइवर प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान को लेकर एक विशेष योजना पर भी कार्य किया जा रहा है, जिससे उन्हें नियमों और सुरक्षा मानकों के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके।
बैठक के अंत में परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने सभी ट्रांसपोर्ट प्रतिनिधियों से अपेक्षा की कि वे एक पेशेवर और जिम्मेदार परिवहन प्रणाली की दिशा में सहयोग करें। उन्होंने आश्वस्त किया कि विभाग जनता और परिवहन व्यवसायियों दोनों के लिए पारदर्शी, सहायक और समाधान-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाएगा, बशर्ते नियमों का पालन ईमानदारी से किया जाए।
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग का यह प्रयास प्रदेश में सुरक्षित और सुव्यवस्थित यातायात व्यवस्था की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।




