वाराणसी को मिला “नेट जीरो लाइब्रेरी” का तोहफ़ा, ज्ञान, पर्यावरण और संस्कृति का अनूठा संगम

― अचूक संघर्ष, डेस्क
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2070 तक भारत को नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन राष्ट्र बनाने के संकल्प की दिशा में वाराणसी एक ऐतिहासिक कदम बढ़ा चुका है। बुधवार 23 जुलाई 2025 को वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) और एनएचपीसी लिमिटेड के बीच “नेट ज़ीरो लाइब्रेरी” परियोजना हेतु एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुआ। इस अवसर पर वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री पुलकित गर्ग और एनएचपीसी लिमिटेड के निदेशक (CSR एवं सतत विकास) श्री उत्तम लाल उपस्थित रहे।
करीब 20 करोड़ की लागत से विकसित की जा रही यह पुस्तकालय परियोजना न केवल आधुनिक शिक्षा सुविधाओं का केंद्र बनेगी, बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण, सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक समावेशन को भी बढ़ावा देगी। इसका निर्माण NHPC लिमिटेड द्वारा CSR मद से किया जा रहा है।

प्रमुख विशेषताएं:
- निर्मित क्षेत्रफल: 20,930 वर्ग फुट
- एक साथ पाठक क्षमता: 500 व्यक्ति
- कुल पुस्तकें: 35,000 से अधिक
स्थापत्य और डिज़ाइन:
पुस्तकालय का बाहरी ढांचा (facade) गंगा नदी की तरंगों से प्रेरित है, जो पारंपरिक पूजा स्थलों की आभा के साथ आधुनिकता का मेल प्रस्तुत करता है। ऊर्ध्व रेखाएं, प्रकाशयुक्त गलियारे, मेहराबें और जैव विविधता से भरपूर हरित छत इस पुस्तकालय को एक जीवंत ज्ञान मंदिर बनाते हैं।

तीन मंज़िलों में विभाजन:
- भूतल: बहुउद्देश्यीय सभागार, बाल पठन क्षेत्र, कैफेटेरिया, टॉय ज़ोन
- प्रथम तल: विशाल पठन कक्ष, डिजिटल पुस्तकालय, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दीर्घा
- द्वितीय तल: स्मार्ट भवन प्रबंधन प्रणाली और ग्रीन टैरेस
पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्ध:
- सौर ऊर्जा से संचालित छत
- वर्षा जल संचयन प्रणाली
- ऊर्जा दक्ष HVAC और स्मार्ट लाइटिंग
- अपशिष्ट जल पुनः उपयोग संयंत्र
- चिल्ड वाटर सिस्टम से 40% तक
- ऊर्जा की बचतस्मार्ट जल निगरानी प्रणाली
समावेशी और सर्वसुलभ:
यह पुस्तकालय विशेष रूप से सभी आयु, वर्ग और क्षमताओं के लोगों के लिए सुलभ होगा। साथ ही इसमें सांस्कृतिक आयोजनों और कार्यशालाओं के लिए विशेष क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं।
भविष्य की सोच:
“नेट ज़ीरो लाइब्रेरी” केवल एक पठन स्थल नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक मंच, ज्ञान केंद्र और सतत विकास की दिशा में वाराणसी का एक भविष्यदर्शी प्रयास है। यह पहल शहर को एक स्मार्ट, हरित और समावेशी शहर के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।





