Varanasi: 25 हजार घूस लेते वीडीए के ज़ोनल, एई व जेई रंगे हाथ गिरफ्तार, एंटी करप्शन टीम ने की कार्रवाई
अचूक संघर्ष डेस्क

~ VDA में रिश्वतखोरी का पर्दाफाश: अनुमति के एवज में मांगे 25 हजार, एंटी करप्शन की टीम ने 20 लाख के साथ रंगेहाथ पकड़ा
~ रामनगर निवासी की शिकायत पर बिछा जाल, विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों की गिरफ्तारी से विभाग में मचा हड़कंप
वाराणसी। शहर के विकास की जिम्मेदारी संभालने वाले वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) में शनिवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एंटी करप्शन टीम ने तीन अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। ये अधिकारी भवन निर्माण से जुड़ी स्वीकृति के नाम पर 25,000 रुपये की अवैध मांग कर रहे थे, जो एक आम नागरिक को भारी पड़ा।
जानकारी के अनुसार, वीडीए कार्यालय के बाहर खड़ी कार में रिश्वत का लेन-देन चल रहा था। एंटी करप्शन टीम पहले से सतर्क थी और जैसे ही रकम सौंपी गई, टीम ने कार को घेर लिया और गौरव जय प्रकाश सिंह (सहायक अभियंता), अशोक कुमार (जेई) और अनस (एसोसिएट इंजीनियर) को धर दबोचा।
इस कार्रवाई की शुरुआत रामनगर निवासी अजय कुमार गुप्ता की ओर से की गई शिकायत से हुई थी। गुप्ता का आरोप था कि भवन निर्माण की अनुमति व नक्शा पास कराने के नाम पर इन अधिकारियों द्वारा लगातार पैसे की मांग की जा रही थी।
शिकायत की पुष्टि होने के बाद ट्रैप टीम ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया। अजय कुमार को तय की गई रकम के साथ भेजा गया और जैसे ही पैसे कार में दिए गए, टीम ने तीनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ‘विकास’ की योजनाओं के नाम पर आम नागरिकों को प्रशासनिक भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जा रहा है? जिन अधिकारियों से पारदर्शिता की उम्मीद होती है, वहीं पैसे लेकर फाइलें आगे बढ़ा रहे हैं।
तीनों अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद वीडीए कार्यालय में खलबली मच गई। कई कर्मचारियों ने पूरे मामले से खुद को अलग बताया तो कुछ का कहना था कि इस तरह की घटनाएं विभाग की साख को गिरा रही हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरो की यह कार्रवाई यह बताने के लिए काफी है कि अब जनता भी अपने अधिकारों के लिए जागरूक हो रही है और प्रशासनिक सिस्टम की खामियों के खिलाफ आवाज उठा रही है।




